महाराष्ट्र में प्याज का दाम अब रिकॉर्ड बनाने लगा है. कम दाम की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाली सोलापुर में पिछले दो सप्ताह से हालात बदले हुए हैं. अब यहां अधिकतम दाम का भी नया रिकॉर्ड बन रहा है. यहां 6 जून को अधिकतम दाम 35 रुपये किलो तक पहुंच गया, जो वर्तमान रबी प्याज सीजन में सबसे अधिक है. कम आवक की वजह से यहां दाम लगातार बढ़ रहा है, जिससे किसान खुश हैं. यहां औसत दाम 18 रुपये किलो तक है, लेकिन किसानों को मिलने वाले न्यूनतम दाम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. यह पहले की तरह सिर्फ 1 रुपये किलो के स्तर पर ही बना हुआ है. राज्य की कई मंडियों में दाम 25 रुपये किलो से ज्यादा चल रहा है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है.अधिकांश बाजारों में न्यूनतम थोक दाम भी 10 से 20 रुपये प्रति किलो है.
महाराष्ट्र भारत का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक प्रदेश है. यहां देश के कुछ उत्पादन का लगभग 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है. इसलिए यहां की मंडियों में मिलने वाले दाम से देश में प्याज की कीमत पर बड़ा असर पड़ता है. यहां के प्रमुख प्याज बेल्ट नासिक के लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है. अब दाम लागत से अधिक होने के बाद किसानों के चेहरों पर खुशी आई है. सरकारी हस्तक्षेप की वजह से किसानों को पिछले साल से ही औने-पौने दाम पर प्याज बेचना पड़ रहा था.
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केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए 4 मई को प्याज की निर्यातबन्दी से बैन हटा लिया था. इसके बाद दाम बढ़ने शुरू हुए हैं. क्योंकि एक्सपोर्ट होने की वजह से घरेलू बाजार में प्याज की आवक काफी कम हो गई है.
केंद्र सरकार ने प्याज के दाम को कंट्रोल में रखने के लिए पहले 19 अगस्त 2023 को प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी ड्यूटी लगाई गई.उसके बाद 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगा दिया. फिर 7 दिसंबर 2023 को निर्यातबन्दी कर दी थी. जिससे दाम कम हो गए थे. अब सरकार ने 550 डॉलर प्रति टन की एमईपी और उस पर 40 प्रतिशत ड्यूटी की शर्त के साथ निर्यात खोल दिया गया है, जिससे दाम बढ़ रहे हैं.
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