निर्यातबंदी खत्म होने के बाद प्याज के दाम रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. महाराष्ट्र में प्याज का दाम 4000 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर चला गया है, जो किसानों की उम्मीद से भी बहुत अच्छा है. किसान खुश हैं कि सरकारी नीतियों की वजह से पिछले दो साल से वो जो नुकसान सह रहे थे उसकी कुछ भरपाई हो रही है. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार 18 जून को राज्य की तीन मंडियों में प्याज का दाम चार हजार रुपये प्रति क्विंटल और उससे अधिक रहा. इसके पीछे निर्यात खुलना और आवक की कमी है. राज्य में प्याज का उत्पादन भी कम हुआ है इसलिए भी दाम बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है, जिसका कुल उत्पादन में हिस्सा 43 प्रतिशत का है.
बोर्ड के अनुसार नागपुर की कामठी मंडी में 18 जून को न्यूनतम दाम भी 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. अधिकतम दाम 4000 और औसत रेट 3500 रुपये दर्ज किया गया. इसी तरह पुणे के जुन्नर में अधिकतम दाम 4110 और औसत 2800 रुपये रहा. अमरावती फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्किट में भी प्याज का अधिकतम दाम 4000 और औसत दाम 2750 रुपये क्विंटल रहा. वर्तमान रबी प्याज सीजन में एक साथ इतनी मंडियों में पहली बार किसानों को चार हजार रुपये का रेट मिला है.
महाराष्ट्र के किसान चाहते हैं कि सरकार अब दोबारा प्याज का एक्सपोर्ट बैन न करे, क्योंकि बहुत मुश्किल भरे दिन देखने के बाद उन्हें थोक में सही दाम मिलना शुरू हुआ है. अभी सरकार ने निर्यात पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) और उस पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई हुई है. किसान इसे हटाने की मांग कर रहे हैं, जिससे कि निर्यात और बढ़े और उन्हें अच्छा दाम मिले.
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