देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र की कुछ मंडियों में प्याज की कीमत काफी गिर गई है. कहीं 1, कहीं 2 तो कहीं 3 रुपये किलो के न्यूनतम दाम पर प्याज बिक रहा है. लेकिन इस दाम पर आपको प्याज नहीं मिलेगा बल्कि इस दाम पर किसान बेचने को मजबूर हैं. चार महीने से अधिक समय से लागू प्याज की निर्यातबन्दी की वजह से दाम काफी गिर गए हैं. लगातार दो सीजन से जारी निर्यातबन्दी ने किसानों की कमर तोड़ दी है. काफी किसानों ने कम दाम से परेशान होकर पहले ही खेती कम कर दी थी, अब तो वो पूरी तरह से इसे बंद करने की बात करने लगे हैं. उनका कहना है घाटे में खेती करने से अच्छा है कि खेत में कुछ और उगाया जाए.
महाराष्ट्र की संगमनेर मंडी में 11 अप्रैल को प्याज का न्यूनतम दाम सिर्फ 100 रुपये क्विंटल मतलब एक रुपये किलो था. राहुरी में 2 रुपये और जुन्नर (नरायणगांव) में न्यूनतम दाम 3 रुपये किलो रहा. अधिकांश मंडियों में अधिकतम दाम सिर्फ 15 रुपये किलो रहा. किसान इतने कम दाम से काफी निराश हैं क्योकि इससे ज्यादा तो लागत आ रही है. इतना कम दाम प्याज को खेत से निकलकर मंडी में पहुंचाकर मिल रहा है. इसलिए किसानों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है.
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अहमदनगर महाराष्ट्र का प्रमुख प्याज उत्पादक जिला है. यहां के किसान बाजीराव गागरे का कहना है कि प्याज का दाम सरकार की नीतियों की वजह से कम हुआ है मांग और आपूर्ति के कारण नहीं. निर्यातबन्दी न होती तो किसानों को 30 से 40 रुपये किलो दाम मिल रहा होता. लेकिन सरकार ने 7 दिसंबर 2023 से निर्यातबन्दी करके किसानों को बर्बाद कर दिया है. पहले खरीफ सीजन में दाम नहीं मिला और अब रबी सीजन भी बर्बाद हो रहा है, जबकि इस सीजन में किसान ज्यादा प्याज लगाते हैं. अब किसान प्याज की खेती और कम कर देंगे.
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