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Onion Price: उत्पादन लागत से कम हुआ प्याज का दाम, घाटे में कब तक खेती करेंगे किसान

Onion Price: उत्पादन लागत से कम हुआ प्याज का दाम, घाटे में कब तक खेती करेंगे किसान

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि सरकारी हस्तक्षेप की वजह से काफी समय से किसान घाटे में प्याज की खेती कर रहे हैं. ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा. आखिर परेशान होकर वो एक दिन इसकी खेती छोड़कर कुछ और करने लगेंगे. इस वक्त प्रति किलो प्याज की उत्पादन लागत 18 से 20 रुपये किलो है. अब अगर 30 रुपये किलो तक दाम नहीं मिलेगा तो नुकसान होगा.

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किसानों को प्याज़ का नहीं मिल रहा है उचित भाव किसानों को प्याज़ का नहीं मिल रहा है उचित भाव

महाराष्ट्र में प्याज का अधिकतम दाम भी सिर्फ 18 रुपये किलो रह गया है, जो किसानों के दावे के अनुसार उत्पादन लागत से कम है. न्यूनतम दाम कहीं सिर्फ 2 तो कहीं 4 रुपये किलो है. इसकी वजह से किसानों सरकार से नाराज और निराश हैं. क्योंकि किसानों का कहना है जो प्याज का दाम इतना कम हुआ है उसके लिए पूरी तरह स सरकार जिम्मेदार है क्योकि उसने एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. यह बैन 31 मार्च तक के लिए लगाया गया था, अब देखना यह है कि इस तारीख तक सरकार इसे वापस लेती है या फिर उसे आगे बढ़ा देती है. 

किसानों का कहना है  अगर निर्यातबन्दी आगे भी जारी रहेगी तो खरीफ सीजन की तरह रबी सीजन का भी सत्यानाश हो जाएगा. निर्यातबन्दी 7 दिसंबर की देर रात लागू हुई थी तब खरीफ सीजन के प्याज आ रहा था. पूरे सीजन में निर्यातबन्दी रही है जिसकी वजह से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है. अब अगर यह निर्यातबन्दी मार्च के बाद भी लागू रहेगी तब रबी सीजन में भी नुकसान हो जाएगा. रबी सीजन में सबसे ज्यादा प्याज की खेती होती है. इसे ही किसान स्टोर करके रखते हैं जो दिवाली तक काम आता है.

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नुकसान में कब तक खेती करेंगे किसान

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि सरकारी हस्तक्षेप की वजह से काफी समय से किसान घाटे में प्याज की खेती कर रहे हैं. ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा. आखिर परेशान होकर वो एक दिन इसकी खेती छोड़कर कुछ और करने लगेंगे. इस वक्त प्रति किलो प्याज की उत्पादन लागत 18 से 20 रुपये किलो है. अब अगर 30 रुपये किलो तक दाम नहीं मिलेगा तो नुकसान होगा. किसान क्यों प्याज की खेती करेगा. खेती कम होगी तो आयात करना पड़ेगा. इस समय न्यूनतम दाम 2 रुपये किलो, अधिकतम 18 और औसत दाम 10 रुपये किलो है.

कितना कम हो गया रकबा

देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है. कुल उत्पादन में इसकी 43 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. कम दाम से परेशान होकर महाराष्ट्र के किसानों ने ही प्याज की खेती सबसे कम की है. राज्य में 2021-22 में 9,46,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हुई थी. जबकि यह 2022-23 में घटकर 8,09,000 हेक्टयर रह गई. इसका मतलब 1,37,000 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती कम हो गई. इसकी वजह से यहां पर उत्पादन सबसे ज्यादा घटने का अनुमान है.

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