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Onion Price Hike: निर्यात बंदी के बावजूद बढ़ने लगा प्‍याज का दाम, खुश हुए किसान

Onion Price Hike: निर्यात बंदी के बावजूद बढ़ने लगा प्‍याज का दाम, खुश हुए किसान

महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका देश के कुल उत्पादन में करीब 43% की हिस्सेदारी है. ऐसे में दाम गिरने की वजह से यहां के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई थी. अब दाम बढ़ने लगा है तो किसानों को थोड़ी राहत मिली है. जानिए महाराष्‍ट्र की प्रमुख मंडियों के दाम.

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प्याज की कीमतों में हुई बढ़ोतरी प्याज की कीमतों में हुई बढ़ोतरी

निर्यात बंदी के बावजूद महाराष्ट्र की कई मंडियों में प्याज का दाम बढ़ने लगा है. फिलहाल कहीं भी दाम की पहले जैसी स्थिति नहीं है. अब किसानों को 2000 रुपये प्रति क्‍विंटल तक का औसत दाम मिलने लगा है. इससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है. आने वाले दिनों के लिए किसान थोड़े आशान्‍वित हुए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब दाम गिराने के सारे रास्ते सरकार अपना चुकी है. अब वो इस मामले में और हस्‍तक्षेप नहीं करेगी.उसके पास अब दाम गिराने का कोई घरेलू रास्‍ता नहीं है.ऐसे में उन्हें उम्‍मीद है कि आने वाले दिनों में अच्छा दाम मिलने लगेगा. राज्य की सभी मंडियों में इस समय भाव ऊपर की ओर है. ज्यादातर मंडियों में न्यूनतम दम 500 रुपये प्रति क्‍विंटल से ऊपर ही है. जबकि अधिकतम दाम 2500 रुपये प्रति क्‍विंटल तक पहुंचने वाला है.

महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका देश के कुल उत्पादन में करीब 43% की हिस्सेदारी है. ऐसे में दाम गिरने की वजह से यहां के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई थी.लेकिन अब सरकार के पूरा जोर लगाने के बावजूद जब दाम एक बार फिर बढ़ने लगा है तो किसानों में खुशी है कि उन्हें पिछले कुछ समय में हुए नुकसान के घाटे की कुछ भरपाई हो पाएगी.किसानों का कहना है कि जब उत्पादन ही कम हुआ है तो दाम तो बढ़ेगा ही. राज्य के प्याज किसानों की यह स्थिति है कि एक बार दाम इतना गिर गया था कि सरकार को उन्हें आर्थिक मदद देनी पड़ी थी.

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निर्यात बंदी नहीं होती तो 3000 रुपये होता दाम 

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि अगर एक्सपोर्ट बैन नहीं होता तो इस वक्त महाराष्ट्र के किसानों को कम से कम 3000 रुपये प्रति क्‍विंटल का दाम मिल रहा होता. किसानों की लागत ही 18 से 20 रुपये किलो यानी 2000 रुपये क्‍विंटल तक पहुंच चुकी है. इसीलिए हम लोग 3000 रुपये न्‍यूनतम दाम तय करने की मांग कर रहे हैं. प्याज एक ऐसी फसल बन चुकी है जिसका दाम सरकार कभी बढ़ने नहीं देना चाहती. चुनावी सीजन में तो बिल्कुल भी नहीं बढ़ने देना चाहती.जबकि सरकार किसानों के वोट से भी बनती है.इसके बावजूद किसानों को दबाकर प्याज का दाम कम किया जाता है और उपभोक्ताओं को लाभ दिया जाता है. उसके बदले किसानों को कोई आर्थिक राहत नहीं दी जा रही है.

किस मंडी में कितना रहा दाम 

  • अकोला मंडी में  1380 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम  1200 और अध‍िकतम 2300 ,और मॉडल दाम 2000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • छत्रपति संभाजीनगर मंडी में  1573 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई.  यहां न्यूनतम दाम  600 और अध‍िकतम 2200,और मॉडल दाम 1400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • मुंबई वाशी मंडी में  12342 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम  1600 और अध‍िकतम 2300 ,और मॉडल दाम 1950 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • अहमदनगर मंडी में  75751  क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम  1200 और अध‍िकतम 2300 ,और मॉडल दाम 1700 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.
  • नागपुर मंडी में  2000  क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम  1500 और अध‍िकतम 2000 ,और मॉडल दाम 1900 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.  

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