Onion price: सरकार ने प्याज़ के रेट बढ़ा दिए, फिर भी विरोध में क्यों अड़े किसान, जानिए उनकी माँगें क्या हैं

Onion price: सरकार ने प्याज़ के रेट बढ़ा दिए, फिर भी विरोध में क्यों अड़े किसान, जानिए उनकी माँगें क्या हैं

एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने से परेशान क‍िसानों का कहना है क‍ि नफेड की खरीद 2 लाख टन से आगे बढ़ाई जाए. दाम बढ़ाकर 3000 रुपये क्व‍िंटल तक क‍िया जाए. साथ ही नफेड के खरीद सेंटर लासलगांव और प‍िंपलगांव जैसी मंड‍ियों में खोले जाएं, ताक‍ि आम क‍िसान सरकार को अपना प्याज बेच सकें. 

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Onion price: सरकार ने प्याज़ के रेट बढ़ा दिए, फिर भी विरोध में क्यों अड़े किसान, जानिए उनकी माँगें क्या हैंप्याज की कीमतों को लेकर किसान विरोध में अड़े (photo kisan tak)

प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद सरकार के ख‍िलाफ क‍िसानों में गुस्सा है. सरकार ने इस मामले में 2 लाख टन अत‍िर‍िक्त प्याज की खरीद का आश्वासन देकर क‍िसानों की नाराजगी कम करने की कोशि‍श की और दाम रखा 2410 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल. लेक‍िन क‍िसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को नकार द‍िया. क‍िसानों का तर्क है क‍ि जब देश में प्याज का उत्पादन 310 टन है तो 2 लाख टन की खरीद से कोई असर नहीं पड़ेगा. दूसरी बात यह है क‍ि नफेड की खरीद पर क‍िसान लगातार सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है नफेड की प्याज खरीद रहस्य से भरी हुई है. वो मंड‍ियों में क‍िसानों से डायरेक्ट प्याज नहीं खरीदता. इसल‍िए प्याज का रेट बढ़ाने के बावजूद क‍िसानों में सरकार के ख‍िलाफ गुस्सा है. 

गुरुवार 24 अगस्त को आंदोलन के चौथे द‍िन व्यापार‍ियों ने हड़ताल खत्म करके बंद मंड‍ियों को खोल द‍िया. नीलामी भी शुरू हुई. लेक‍िन कुछ द‍ेर बाद क‍िसानों ने मंडी में प्याज की नीलामी को बंद करवा दी. व्यापार‍ियों और क‍िसानों के बीच कहासुनी हुई. इसके बाद क‍िसान लासलगांव और प‍िंपलगांव मंडी की सड़क घेरकर बैठ गए. आरोप था क‍ि व्यापारी स‍िर्फ प्याज की नीलामी 1500 से 1700 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के रेट पर कर रहे हैं. क‍िसानों ने कहा क‍ि जब सरकार ने रेट 2410 रुपये क्व‍िंटल रखा है तब इससे कम दाम पर नीलामी हो रही है. 

क‍िसानों को नहीं समझा सकी सरकार 

केंद्र सरकार ने पहली बार प्याज एक्सपोर्ट पर ड्यूटी लगाई. इसका सीधा असर क‍िसानों की जेब पर आएगा. क्योंक‍ि इतनी ड्यूटी के साथ बहुत कम प्याज न‍िर्यात हो पाएगा. इसल‍िए घरेलू बाजार में प्याज की मात्रा ज्यादा हो जाएगा और दाम कम हो जाएगा. क‍िसानों को हो रहे इस नुकसान की भरपाई के ल‍िए 2 लाख टन अत‍िर‍िक्त प्याज खरीदने का सरकार ने आश्वासन द‍िया है, वो भी 2410 रुपये क्व‍िंटल पर. लेक‍िन क‍िसान इससे खुश नहीं हैं. इसल‍िए उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. अब क‍िसानों का कहना है क‍ि मंडी में इससे कम दाम पर नीलामी नहीं होनी चाह‍िए जो कि ये व्यापार‍ियों को मंजूर नहीं है. 

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क‍िसानों की मांग क्या है? 

एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने से परेशान क‍िसानों का कहना है क‍ि नफेड की खरीद 2 लाख टन से आगे बढ़ाई जाए. साथ ही 2410 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का दाम थोड़ा और बढ़ाकर 3000 रुपये क्व‍िंटल तक क‍िया जाए. क्योंक‍ि 2000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तो उत्पादन लागत आ गई है. साथ ही नफेड के खरीद सेंटर लासलगांव और प‍िंपलगांव जैसी मंड‍ियों में भी खोले जाएं ताक‍ि आम क‍िसान सरकार को अपना प्याज बेच सकें. अभी तक वो सीधे क‍िसानों से प्याज नहीं खरीदता है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि जब दाम बढ़ने पर सरकार भाव घटाती है तो घटने पर उसे बढ़ाना भी चाह‍िए. जब दाम बहुत कम हो तो क‍िसानों को सरकार आर्थ‍िक मदद दे.

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