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Onion Price: प्याज की निर्यात बंदी के चार महीने पूरे, किसानों को कब मिलेगा सही दाम

Onion Price: प्याज की निर्यात बंदी के चार महीने पूरे, किसानों को कब मिलेगा सही दाम

कांदा उत्पादक संगठन का कहना है कि सरकार उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज देना चाहती है तो दे. लेकिन किसानों की गर्दन काटकर ऐसा न करे. लागत मूल्य पर मुनाफा देकर सरकार किसानों से प्याज खरीदे और उसे राशन की सस्ती दुकानों माध्यम से बांट दे. वरना आखिर किसान कब तक घाटे में खेती करेंगे?

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प्याज़ का मंडी भाव प्याज़ का मंडी भाव

देश मे प्याज की निर्यातबन्दी के चार महीने पूरे हो चुके हैं. किसानों का कहना है कि सरकार अब तो निर्यात खोल दो ताकि किसानों को उनकी मेहनत का दाम मिले. खरीफ सीजन दाम न मिलने की वजह से बर्बाद हो गया और रबी सीजन में भी लागत तक नहीं निकल पा रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है प्याज की निर्यातबन्दी. इस समय भले ही उपभोक्ताओं को 40 रुपये किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है लेकिन किसानों को 2 से लेकर 12 रुपये किलो का ही भाव मिल रहा है. राज्य के तमाम किसान निर्यातबन्दी से परेशान हैं और वो कह रहे हैं कि जिन्होंने उन्हें नुकसान पहुंचाया है उन्हें लोकसभा चुनाव में सबक सिखाया जाएगा. निर्यातबन्दी अनिश्चितकाल के लिए हुई है इसलिए किसानों ने इस साल भी कमाई की उम्मीद छोड़ दी है. उनका कहना है कि लागत निकल जाए यही बड़ी बात होगी.

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि हर किसान औसतन एक सीजन में 200 क्विंटल प्याज पैदा करता है इसलिए निर्यातबन्दी से हर किसान को एक सीजन में तीन लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. सरकार उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज देना चाहती है तो ये अच्छी बात है दे. लेकिन यह कहां का न्याय है कि किसानों की गर्दन काटकर सस्ता प्याज दिया जाएगा. लागत मूल्य पर मुनाफा देकर सरकार किसानों से प्याज खरीदे और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में उसे बांट दे.

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चुनाव में लेंगे नुकसान का बदला

अहमदनगर के किसान बाजीराव गागरे का कहना है कि निर्यातबन्दी करने की वजह से किसानों को दाम नहीं मिल रहा है. अभी 12 रुपये किलो तक का भाव मिल रहा है, लेकिन अगर निर्यातबन्दी नहीं होती तो इस साल किसानों को 30 से 40 रुपये किलो का दाम मिलता. निर्यातबन्दी के चार महीने हो गए. इससे किसानों को बड़ा नुकसान हो चुका है. सरकार ने जबरन दाम को दबाया हुआ है. इससे जो नुकसान हुआ है किसान उसका बदला इस लोकसभा चुनाव में लेंगे. गागरे का कहना है कि उन्होंने इस साल प्याज की खेती बहुत कम कर दी है. यही हाल रहा तो आगे जाकर प्याज उगाना पूरी तरह से बंद कर देंगे.

किस मंडी में कितना है दाम 

  • पुणे मंडी में 9 अप्रैल को 11750 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 500, अधिकतम 1500और औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • कोल्हापुर मंडी में 5201 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 600,अधिकतम 1800 और औसत दाम 1200 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • चंद्रपुर मंडी में 417अप्रैल को 417 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 1300, अधिकतम 2000और औसत दाम 1500रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • कराड़ मंडी में 75 क्विंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 500, अधिकतम 1700 और औसत दाम 1700रुपये प्रति क्विंटल रहा. 

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