देश के प्याज किसानों, व्यापारियों और आढ़तियों का आरोप है कि सरकार यूएई को सस्ते में प्याज बेचकर खाड़ी देश के व्यापारियों को भारी फायदा पहुंचा रही है जबकि स्थानीय किसान और व्यापारी घाटे में चल रहे हैं. सरकार ने अभी प्याज निर्यात पर रोक लगा रखी है और कुछ शर्तों के साथ यूएई और अन्य देशों को इसमें ढील दी गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज का दाम बहुत अधिक है, लेकिन यूएई को सस्ते में प्याज मिल रहा है. इस पर भारत के किसान और व्यापारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. 'हिंदुस्तान टाइम्स' में छपी एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिकता के आधार पर भारत सरकार ने कुछ देशों को प्याज का निर्यात जारी रखा है. इसका फैसला डिप्लोमेटिक रिक्वेस्ट पर लिया गया है. भारत अभी दुनिया में प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन पैदावार गिरने की आशंकाओं के बीच इसके निर्यात पर रोक लगाई गई है. प्याज के निर्यात पर बैन दिसंबर 2023 में लगाया गया था. बैन का कारण ये था कि देश में प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी और 40 परसेंट एक्सपोर्ट टैक्स के बावजूद इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश नहीं थी. कुछ शहरों में इसका भाव 100 रुपये किलो को पार कर गया था.
1 मार्च को भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यूएई को 14,400 टन प्याज निर्यात करने की इजाजत दे दी. इसमें हर तिमाही 3600 टन की लिमिट रखी गई. यानी भारत से एक तिमाही में 3600 टन तक प्याज का निर्यात किया जा सकता है. हालांकि पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्रालय ने इस लिमिट के ऊपर 1000 टन प्याज के निर्यात को मंजूरी दे दी है.
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सरकार के इस फैसले से भारत के व्यापारी नाराज हैं. इनका आरोप है कि देश के किसानों से 12-15 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदा जा रहा है, जबकि वही प्याज यूएई के व्यापारी अपने स्टोर में 120 रुपये किलो पर बेच रहे हैं. यही हाल बांग्लादेश, भूटान, मॉसीशस और बहरीन के साथ भी है. सरकार ने बांग्लादेश के लिए 50,000 टन, भूटान के लिए 550 टन, बहरीन के लिए 3,000 टन और मॉरीशस के लिए 1200 टन प्याज निर्यात को मंजूरी दी है.
भारत ने जब से प्याज निर्यात पर बैन लगाया है, तब से दुनिया के कई देशों में इसके दाम में बड़ा उछाल देखा जा रहा है. अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह दाम 1200-1500 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गया है. ये रेट इसलिए भी बढ़ रहे हैं क्योंकि इती तरह के बैन पाकिस्तान और मिस्र ने भी लगाए हैं. ये दोनों देश भी प्याज के बड़े उत्पादक हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कर्नाटक के एक किसान ने कहा कि अभी भारत से 500-550 डॉलर प्रति टन के रेट पर निर्यात हो रहा है जिससे यहां के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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