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अब पूरे साल करें सूरजमुखी की खेती, इस हाइब्रिड बीज में कीट भी नहीं लगते

अब पूरे साल करें सूरजमुखी की खेती, इस हाइब्रिड बीज में कीट भी नहीं लगते

पलामू स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. सुधीर झा ने बताया कि सूरजमुखी ऐसी फसल है, जिसे साल भर किया जा सकता है. खरीफ, रबी और गरमा फसल भी कर सकते हैं. इसकी फसल में कीट नहीं लगते और ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती. इसमें सबसे खास तौर पर किसान हाइब्रिड बीज का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए किसान खेत की जुताई कर 2.5 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बीज लगा सकते हैं.

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जानिए सूरजमुखी की खेती के बारे जानिए सूरजमुखी की खेती के बारे

तिलहन फसलों की बात करेंगे तो सरसों और सोयाबीन के साथ सूरजमुखी का भी जिक्र आता है. भारत सूरजमुखी का तेल भी बड़े पैमाने पर आयात करता है. इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा मानी जाती है. इसकी खेती मुख्य तौर पर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में होती है. अब झारखंड में भी किसान इसकी खेती शुरू कर चुके हैं. यहां के पलामू में किसान ट्रायल के तौर पर इसकी खेती में हाथ आजमा रहे हैं और शुरुआती दौर में उन्हें इसमें फायदा दिखाई दे रहा है. कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि इस फसल में कीट नहीं लगते और ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती. 

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के  रामपथ निवासी अनुराग तिवारी ऐसे ही किसानों में शामिल हैं. यूट्यूब देखकर उन्होंने एक कट्ठे जमीन में सूरजमुखी की खेती शुरू की है. कुछ पौधों में से एक में 15 से 20 फूल खिले हैं. अनुराग ने बताया कि शुरुआत में कम जगह में ट्रायल के लिए सूरजमुखी के पौधे लगाए थे, जिसमें एक पौधे पर कई फूल लगे हैं. अब वो आगे बड़े पैमाने पर खेती करना चाहते हैं. क्योंकि यह तिलहन फसल होने की वजह से गुणकारी है.

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ट्रायल के तौर पर हो रही खेती  

पलामू स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. सुधीर झा ने बताया कि सूरजमुखी की खेती पलामू में पहले नहीं होती थी. कुछ किसानों ने ट्रायल के तौर पर इसकी खेती करना शुरू किया है. जिसके तहत जिले में करीब 20 हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है. इसके सामान्य प्रभेद ओपन पोलिनेटेड केबीएसएच 44 बीज की खेती की जाती है. वहीं, इसकी हाइब्रिड प्रजाति में शंकर प्रभेद, सिजेंडा, सनग्रो की खेती से दोगुना मुनाफा होता है. इसमें एक पौधे में एक फूल खिलता है. इसका तेल सेहत के लिए कई रूप में फायदेमंद है. यह तेल बेहद उत्तम क्वालिटी का होता है.

हाइब्रिड बीज से किसानों को होगा मुनाफा

झा ने बताया कि सूरजमुखी ऐसी फसल है, जिसे साल भर किया जा सकता है. खरीफ, रबी और गरमा फसल भी कर सकते हैं. इसकी फसल में कीट नहीं लगते और ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती. इसमें सबसे खास तौर पर किसान हाइब्रिड बीज का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए किसान खेत की जुताई कर 2.5 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बीज लगा सकते हैं. किसानों को एक बीज से दूसरे बीज की दूर लगभग 30 सेंटीमीटर और एक लाइन से दूसरे लाइन की दूरी 75 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. किसान प्राइवेट कम्पनी के शंकर प्रभेद के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एक ही पौधे में अनेकों फूल खिलते हैं, जिससे किसान को दोगुना मुनाफा होता है. किसानों एक एकड़ में 10 से 12 क्विंटल उत्पादन होगा.

मधुमक्खी पालन से चार गुना लाभ

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अगर किसान इसमें थोड़ा दिमाग लगा ले तो वह लखपति भी बन सकता है, जहां सूरजमुखी की खेती कर रहे हैं, वहां अगर किसान मधुपालक बक्से को रख दे तो उन्हें दो तरफा लाभ मिलेगा. इससे सूरजमुखी का भी उत्पादन बढ़ेगा. सूरजमुखी के शहद की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है. वहीं, इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है. वहीं मधुमक्खी के आ जाने से पॉलिनेशन अच्छा हो जाता है, जिससे सूरजमुखी का उत्पादन भी बढ़ जाता है.

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