करनाल की घरौंडा, असंध व इंद्री अनाज मंडियों में सरसों की खरीद का कार्य तेजी से चल रहा है. विभाग से मिले आकड़ों के अनुसार करनाल के घरौंडा में अभी तक 24500 क्विंटल सरसों की खरीद की जा चुकी हैं. अभी 5000 क्विंटल सरसों और मंडियों में पहुंचने की संभावना है. मंडी अधिकारियों ने दावा किया कि किसानों को सरसों बेचने के लिए कोई परेशानी नहीं हो रही है. क्योंकि सरसों की खरीद एमएसपी पर की जा रही है. हालांकि किसान लगातार हरियाणा में चल रही खरीद में अव्यवस्थाओं के आरोप लगा रहे हैं. अधिकारियों का दावा है कि किसान जैसे ही फसल लेकर मंडी में आते हैं तो फसल के पोर्टल पर पंजीकरण देखकर गेट पास जारी कर दिया जाता है.
गेट पास जारी होने के बाद किसान फसल लेकर आढ़ती के पास चला जाता है. फसल के आने पर खरीद एजेंसी के अधिकारी सरसों में नमी को चेक करते हैं, जो भी ढेरी सरकार के नॉर्म्स पर सही पाई जाती है. उसे तुरंत ही एमएसपी पर खरीद लिया जाता है. हालांकि राज्य में कई जगहों पर सरसों खरीद में अव्यवस्था की खबरें आई हैं. गेट पास जारी न करने और मंडी में किसानों के लिए पीने के पानी की समस्या भी उठाई गई है. लेकिन करनाल के अधिकारी सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं.
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हैफेड प्रबंधक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि 25 हजार क्विंटल से अधिक सरसों की खरीद की जा चुकी हैं. हैफेड अधिकारियों ने कहा 18 हजार किवंटल का उठान भी हो चुका है. सरसों की एमएसपी पर हो रही खरीद से किसान खुश हैं. वहीं इस बार पोर्टल वेरिफिकेशन को लेकर भी बेहद कम शिकायतें सामने आई हैं. जिससे किसानों को फसल बेचने में आसानी हुई है. अपनी फसल का पूरा भाव मिलने से किसान उत्साहित हैं और मंडी की व्यवस्था को लेकर संतुष्ट भी हैं. मंडी में किसानों को फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं हो रही है. गुणवत्ता जांच के बाद अधिकतर फसल खरीदी जा रही है. हालांकि कुछ ढेरिया खराब क्वालिटी के कारण रिजेक्ट भी हुई हैं.
किसानों ने कहा, खरीद से हम संतुष्ट है. घरौंडा, ढिंगरमाजरा, उपली से सरसों की फसल लेकर मंडी में आए किसानों ने बताया कि उनकी फसल समर्थन मूल्य पर बिकी है. खरीद के दौरान उन्हें किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं हुई. गेट पर तुरंत ही गेट पास मिल गया, उसके बाद खरीद एजेंसी के अधिकारियों ने ढेरी पर आकर फसल में नमी को चेक किया. उसके बाद ढेरी बिक गई. उन्होंने कहा कि वे काफी उत्साहित हैं कि उनकी फसल उचित रेट पर बिकी है. किसानों ने कहा कि सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले सरसों 4400 से लेकर 4700 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदी जा रही थी, लेकिन जब से सरकारी खरीद शुरू हुई हैं उन्हें पूरा समर्थन मूल्य 5650 रुपये का भाव मिल रहा है.
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