मध्य प्रदेश में अब तक धान खरीद टारगेट से 20 फीसदी कम धान खरीद की जा सकी है. जबकि, खरीद प्रक्रिया अगले 10 दिनों तक ही जारी रहने वाली है. धान खरीद के लिए बनाए गए 1300 से अधिक खरीद केंद्रों को खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि, किसानों से 10 दिनों के भीतर अपनी धान एमएसपी रेट पर बिक्री करने की अपील की गई है. धान खरीद में देरी के लिए बीते माह बारिश और कई दिनों तक खराब रहे मौसम को भी बड़ी वजह के रूप में देखा जा रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 में धान खरीद के लिए 45 लाख मीट्रिक टन का टारगेट तय किया है. इस टारगेट को अब 10 दिनों में ही पूरा करना है और यह बड़ी चुनौती भी बनी हुई है. क्योंकि, अभी भी राज्य सरकार तय धान खरीद टारगेट से करीब 9 लाख टन पीछे चल रही है. मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार राज्य में अब तक 36 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई है.
मध्यप्रदेश में धान खरीद के लिए 1393 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर किसानों से धान की खरीद की जा रही है. अब तक 5 लाख से अधिक किसानों से एमएसपी पर धान खरीदी जा चुकी है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से बैंक खातों में 5005 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है. राज्य कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वह सरकारी खरीद केंद्रों पर ही धान की बिक्री करें, निजी कारोबारियों को औने-पौने दाम में अपनी फसल न बेचें.
मध्य प्रदेश में धान की सरकारी खरीद 23 जनवरी 2025 तक होगी. राज्य सरकार के अनुसार धान कॉमन ग्रेड के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये किसानों को दिया जा रहा है. इसके अलावा धान ग्रेड-ए के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को भुगतान किया जा रहा है. राज्य सरकार ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वे खरीद केंद्रों पर अपनी धान की बिक्री करें और एमएसपी का लाभ उठाएं.
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