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गर्मी में बंपर पैदावार देती है मूंग की स्टार 444 किस्म, इस खास तरीके से करें खेती तो भर जाएगा गोदाम

गर्मी में बंपर पैदावार देती है मूंग की स्टार 444 किस्म, इस खास तरीके से करें खेती तो भर जाएगा गोदाम

मूंग की उन्नत तकनीक अपनाकर जायद मौसम में 10-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल उत्पादन लिया जा सकता है. गर्मी के मौसम में मूंग की खेती करने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. रबी की फसलों की कटाई के तुरंत बाद मूंग की खेती की जाती है.

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मूंग की उन्नत किस्में मूंग की उन्नत किस्में

भारत में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों में मूंग का महत्वपूर्ण स्थान है. इसमें 24 प्रतिशत प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर और आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. मूंग की शीघ्र पकने वाली और उच्च तापमान सहन करने वाली किस्मों के विकास के कारण जायद मौसम में मूंग की खेती लाभदायक होती जा रही है. मूंग की उन्नत तकनीक अपनाकर जायद मौसम में 10-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल उत्पादन लिया जा सकता है. गर्मी के मौसम में मूंग की खेती करने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. रबी की फसलों की कटाई के तुरंत बाद मूंग की खेती की जाती है.

इस फसल का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि इस फसल की अवधि 2 महीने होती है. ऐसे में अगर आप भी मूंग की खेती से बंपर पैदावार पाना चाहते हैं तो मूंग की 444स किस्म की खेती कर सकते हैं. क्या है इस किस्म की खासियत और कैसे करें इसकी खेती आइए जानते हैं.

मूंग किस्म स्टार 444

कम अवधि की फसल होने के कारण किसानों को फसल की कटाई के बाद खरीफ सीजन की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. मूंग की खेती में बढ़ती दिलचस्पी के चलते कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मूंग की नई किस्में (मूंग किस्म स्टार 444) तैयार की जा रही हैं. इनमें से एक नवीनतम किस्म स्टार 444 है. जानिए मूंग की स्टार 444 किस्म के बारे में सबकुछ, जो गर्मी के मौसम में अधिक पैदावार देने की क्षमता रखती है.

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इस किस्म की खासियत

उच्च उपज देने वाले मूंग के बीज, रोग प्रतिरोधी मूंग किस्म और जल्दी पकने वाली मूंग की तलाश कर रहे भारतीय किसानों के लिए “स्टार 444” वरदान साबित हो रहा है. यह किस्म 60-62 दिनों में पक जाती है. किसान बिना किसी परेशानी के स्टार 444 से उपज को दोगुना कर सकते हैं.

स्टार 444 की पैदावार

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई यह किस्म (मूंग किस्म स्टार 444) प्रति एकड़ 2-3 क्विंटल अतिरिक्त उत्पादन देती है. इससे किसानों को 25 हजार से 30 हजार तक का अतिरिक्त मुनाफा हो सकता है.

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कब करें मूंग की बुवाई

ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई रबी फसलों की कटाई के तुरंत बाद की जा सकती है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बसंतकालीन मूंग किस्म स्टार 444 की बुवाई का उपयुक्त समय 15 फरवरी से 15 मार्च तक है तथा ग्रीष्मकालीन किस्म के लिए उपयुक्त समय 10 मार्च से 10 अप्रैल तक है. जहां बुवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह के आसपास होती है, वहां सम्राट और एचयूएम-16 किस्मों की बुवाई करनी चाहिए.