महाराष्ट्र के इस इलाके में तेज़ हुई कपास और सोयाबीन की बुवाई,अच्छी बारिश से मिली मदद

महाराष्ट्र के इस इलाके में तेज़ हुई कपास और सोयाबीन की बुवाई,अच्छी बारिश से मिली मदद

नंदुरबार जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बुवाई में तेजी आई है. जिले में लगभग 80 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है.  किसानों ने यहां सबसे ज्यादा कपास और सोयाबीन की बुवाई की है. यह दोनों महाराष्ट्र की प्रमुख फसलें मानी जाती हैं.  

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महाराष्ट्र के इस इलाके में तेज़ हुई कपास और सोयाबीन की बुवाई,अच्छी बारिश से मिली मददअच्छी बारिश होने से बुवाई ने पकड़ी रफ्तार

 महाराष्ट्र में इस साल बारिश में हो रही देरी के कारण खरीफ सीजन फसलों की बुवाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है. लेक‍िन, अब हालात बदल रहे हैं. राज्य के कई जिलो में बार‍िश जारी है. इस बारिश के कारण कई इलाकों में नदियां उफान पर हैं. इसकी वजह से कुछ इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हालांकि अच्छी बारिश के कारण कुछ इलाकों में कृषि कार्य में तेजी आ गई है. वहीं नंदुरबार जिले के कई हिस्सों में भी अच्छी बारिश के कारण फसलों की बुवाई में तेजी आई है. कृषि विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि जिले में करीब 80 फीसदी बुवाई पूरी हो गई है. जिले के अधिकांश क्षेत्रों में कपास और सोयाबीन की खेती की गई है. यहां की यही प्रमुख फसल है. 

नंदुरबार जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण अब बुवाई में तेजी देखी जा रही है. कृषि विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि जिले में दो लाख 88 हजार 465 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसलों की खेती का अनुमान है. जिसमें से 2 लाख 7 हजार 563 क्षेत्र में बुवाई पूरी हो चुकी है. इस क्षेत्र का अधिकांश भाग कपास और सोयाबीन की फसलों के तहत आता है. शेष क्षेत्र में किसानों ने कम अवधि की फसलों को प्राथमिकता दी है. इस वर्ष जिले में मॉनसून एक माह की देरी से आया है. 

खरीफ सीजन का क‍ितना है क्षेत्र 

एक तस्वीर यह भी है कि कुछ जगहों पर कम बारिश के कारण किसानों को दोहरी बुवाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. पालघर जिले में बारिश की कुल स्थिति पर नजर डालें तो बाकी इलाकों से अच्छी बारिश हुई है. लेकिन यहां के शहादा तालुका में अब भी किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. राज्य के कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण के अनुसार खरीफ सीज़न के दौरान औसत बुवाई क्षेत्र 142 लाख हेक्टेयर होता है. जिन स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है, वहां अच्छी बुवाई हो चुकी है.

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खाद और बीज का पर्याप्त भंडार 

चव्हाण ने क‍िसानों से अपील की है कि राज्य में आवश्यकता के अनुसार बीज और उर्वरक का भंडार उपलब्ध है. किसानों को पर्याप्त बारिश के बाद ही बुवाई करनी चाहिए, ताक‍ि नुकसान न हो. इस बीच, चालू खरीफ सीजन के दौरान एक रुपये में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी सक्रिय कर दिया गया है. चव्हाण ने अपील की है कि इच्छुक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए 31 जुलाई 2023 तक आवेदन कर दें. चव्हाण ने कहा कि इस योजना में कर्जदार और गैर-कर्जदार किसान भाग ले सकते हैं.

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