मेघालय में नहीं होगी ऑयल पाम की खेती, सरकार ने बताई इसकी खास वजह

मेघालय में नहीं होगी ऑयल पाम की खेती, सरकार ने बताई इसकी खास वजह

मेघालय सरकार का कहना है कि उसने पाम की खेती के लिए इजाजत नहीं दी है क्योंकि प्रदेश में इसे लेकर आम धारणा सही नहीं है. अगर किसान पाम तेल की प्रोसेसिंग करें या वैल्यू एडिशन करें तो सरकार उनकी आर्थिक मदद जरूर करेगी.

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मेघालय में नहीं होगी ऑयल पाम की खेती, सरकार ने बताई इसकी खास वजहमेघालय में नहीं होती ऑयल पाम की खेती

मेघालय में ऑयल पाम की खेती नहीं होगी. यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री ने कही है. कृषि मंत्री ने कहा कि मेघालय ऑयल पाम की खेती की इजाजत नहीं देगा क्योंकि इसे लेकर आम लोगों में सही धारणा नहीं है. यानी कि मेघालय के लोग पाम की खेती को अच्छा नहीं मानते. इसकी जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री माजेल अंपरीन लिंगदोह ने दी. नई दिल्ली में अंपरीन ने कहा कि प्रदेश सरकार अभी पाम की खेती के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है. इस मुद्दे पर विधायकों ने विधानसभा सत्र में भी भारी विरोध जताया है.

मेघालय के कृषि मंत्री से पूछा गया था कि सरकार पाम की खेती को आगे बढ़ाएगी या उस पर रोक जारी रहेगी. इस पर मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार में यह ऐसे ही चलता रहेगा. आपको बता दें कि उत्तर पूर्व में मिजोरम पहला राज्य था जहां पाम की खेती शुरू की गई थी. वहां 15 साल पहले इसकी खेती शुरू हो गई थी. आज वहां के किसान इस खेती का पूरा लाभ उठा रहे हैं क्योंकि सरकार ने नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयल पाम शुरू किया है. इस मिशन का फायदा पाम किसानों को बेहतर मिल रहा है.

क्या है ऑयल पाम मिशन

ऑयल पाम मिशन में सरकार ने उत्तर पूर्व में पाम की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है. इसी में अंडमान और निकोबार भी शामिल किया गया है. इस मिशन के तहत सरकार 2025-26 तक 6.5 लाख हेक्टेयर में पाम की खेती को बढ़ावा दे रही है. 2019-20 में इन राज्यों में 3.5 लाख हेक्टेयर में पाम की खेती होती थी जिसे बढ़ाकर 6.5 लाख हेक्टेयर पहुंचाना है. 

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2025-26 तक देश में 11.20 लाख टन कच्चा पाम तेल के उत्पादन की संभावना है जबकि 2030 तक यह उत्पादन 28 लाख टन हो सकता है. 2019-20 में यह उत्पादन 0.27 लाख टन था. केंद्र सरकार ने इस खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में अलग से प्रावधान किया है. 2025-26 तक इस मद में 11,040 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें 8844 करोड़ रुपये केंद्र देगा जबकि बाकी हिस्सा राज्यों को अपने किसानों को देना है.

इन राज्यों में बढ़ी खेती

इस दिशा में कई राज्यों में कोशिश तेज हो गई है. असम, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा में गोदरेज एग्रोवेट और पतंजलि फूड्स ने सरकारों के साथ एग्रीमेंट किया है. इस एग्रीमेंट के तहत कंपनियां क्लस्टर में ऑयल पाम की खेती कराएंगी और तेल का उत्पादन बढ़ाएंगी. मेघालय सरकार का कहना है कि पाम की खेती की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन किसान चाहें तो इसकी प्रोसेसिंग कर सकते हैं.

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सरकार का कहना है कि निर्यात के लिहाज से मेघालय में पाम तेल की प्रोसेसिंग की जा सकती है, उसका वैल्यू एडिशन किया जा सकता है और उससे निर्यात बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए सरकार किसानों और व्यापारियों की मदद करने के लिए तैयार है. किसान और व्यापारी इसके लिए प्राइवेट कंपनियों से करार कर सकते हैं. मेघालय सरकार का कहना है कि किसान इसके लिए पाम की प्रोसेसिंग कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसी तरह मेघालय के किसानों को सूखे अनन्नास की प्रोसेसिंग करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इससे किसान अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं.

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