कर्नाटक के मिर्च किसानों की समस्या होगी दूर, केंद्रीय मंत्री जोशी को कृषि मंत्री ने दिया भरोसा

कर्नाटक के मिर्च किसानों की समस्या होगी दूर, केंद्रीय मंत्री जोशी को कृषि मंत्री ने दिया भरोसा

एक्स पोस्ट में कृषि मंत्री ने लिखा, आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में साथी केंद्रीय मंत्री श्री @JoshiPralhad जी से आत्मीय भेंट हुई. इस दौरान कर्नाटक के मिर्च उत्पादक किसानों के हित में सार्थक चर्चा की. केंद्र सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के माध्यम से जल्दी खराब होने वाली बागवानी फसलों के लिए किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है.

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कर्नाटक के मिर्च किसानों की समस्या होगी दूर, केंद्रीय मंत्री जोशी को कृषि मंत्री ने दिया भरोसाकृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

कर्नाटक के मिर्च किसान अपनी उपज के गिरते दाम से परेशान हैं. कर्नाटक में देश की सबसे टॉप मिर्च का उत्पादन होता है. लाखों किसानों का परिवार इसी मिर्च पर चलता है. लेकिन इस बार मिर्च के दाम में भारी कमी देखी जा रही है जिससे किसान परेशान हैं. मंडियों में आवक होने के बावजूद किसानों को बढ़िया रेट नहीं मिल रहा है. किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी जो खुद भी कर्नाटक से आते हैं, आज नई दिल्ली में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले. कृषि मंत्री ने मिर्च किसानों की समस्या निपटाने का भरोसा दिलाया.

इस संबंध में जारी एक एक्स पोस्ट में कृषि मंत्री ने लिखा, आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में साथी केंद्रीय मंत्री श्री @JoshiPralhad जी से आत्मीय भेंट हुई. इस दौरान कर्नाटक के मिर्च उत्पादक किसानों के हित में सार्थक चर्चा की. केंद्र सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के माध्यम से जल्दी खराब होने वाली बागवानी फसलों के लिए किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा. किसानों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले, और वह सशक्त एवं समृद्ध बनें, इसके लिए केंद्र सरकार संकल्पित है.

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कर्नाटक किसानों की समस्या

कर्नाटक में लाल मिर्च को किसानों के लिए लाल सोना कहा जाता है और कभी इसके रेट 70,000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिले हैं. लेकिन मौजूदा समय में मिर्च किसान मायूसी में डूबे हैं क्योंकि इसका रेट 10,000 रुपये भी नहीं मिल रहा है. कर्नाटक का ब्यादगी मिर्च दुनिया में मशहूर है जिसकी कीमत आधे से ज्यादा गिर गई है. मिर्च किसानों की समस्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि पिछले साल का स्टॉक बचा है और इस साल आवक बहुत ज्यादा आ गई. इस बार मिर्च की क्वालिटी भी खराब है क्योंकि तुड़ाई के ठीक पहले बारिश आ गई थी. इन सभी मुद्दों ने मिर्च किसानों की समस्या को बढ़ा दिया है.

बाजार हस्तक्षेप योजना से मिलेगी राहत

केंद्र सरकार कर्नाटक के मिर्च किसानों को बाजार हस्तक्षेप योजना यानी MIS के जरिये राहत दे सकती है जैसा कि कृषि मंत्री ने संकेत दिया है. सरकार कृषि और बागवानी उपजों के लिए इस योजना के जरिये किसानों को राहत देती है. ऐसी फसलें जो प्राकृतिक मार से खराब हो जाती हैं और जिसे मूल्य समर्थन योजना में कवर नहीं किया जाता, उसे एमआईएस का लाभ दिया जाता है. हस्तक्षेप योजना उस समय भी कारगर होती है जब मंडियों में किसी उपज की आवक बढ़ने से दाम बहुत तेजी से नीचे चले जाते हैं. राज्य सरकार के अनुरोध पर इस योजना को लागू किया जाता है जिसका 50 परसेंट हिस्सा केंद्र सरकार देती है.

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सीएम सिद्धारमैया ने उठाई मांग

इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मिर्च किसानों को राहत देने की मांग उठाई थी. मुख्यमंत्री ने मांग की है कि किसानों को बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राहत दी जाए. पत्र में उन्होंने कर्नाटक, खासकर कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के लाखों लाल मिर्च किसानों के लिए गहरी चिंता जाहिर की, जो बाजार की कीमतों में भारी गिरावट के कारण "भारी संकट" का सामना कर रहे हैं.

 

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