2024-25 सीजन के लिए भारत का कपास उत्पादन 295.30 लाख गांठ (170 किलोग्राम प्रत्येक) होने का अनुमान है, जो सात साल में सबसे कम है और पिछले साल के 327.45 लाख गांठों से बड़ी गिरावट है. इसके पीछे दो बड़ी वजह बताई जा रही है- एक, नए जीएम कपास बीज को अनुमति नहीं मिलना और दूसरा, कपास फसल के कीटों में बढ़ता प्रतिरोध. यानी इन कीटों पर अब कीटनाशकों का कम प्रभाव होता है जिससे फसल चौपट होती है. इन दोनों वजहों से कपास की पैदावार में गिरावट की आशंका है जिसके बाद वर्षों बाद पहली बार भारत कपास का आयातक देश बन सकता है.
ऐसा अनुमान है कि भारत को 30 लाख गांठ आयात करना पड़ सकता है जो कि केवल 11 लाख गांठ के निर्यात को पार कर जाएगा. यानी भारत को निर्यात से अधिक कपास का आयात करना पड़ सकता है. दुनिया भर में कपास का उत्पादन 1210 लाख गांठ है, जिसमें स्टॉक कम बचा है. इससे कपास की कीमतों में तेजी बने रहने की संभावना है.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इंपोर्ट ड्यूटी खत्म होने के बाद अमेरिका से भारत को कपास का निर्यात बढ़ सकता है. पूरी दुनिया में 1210 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान है जबकि खपत 1160 लाख टन के आसपास है. सीमित आपूर्ति और मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच कपास की कीमतों में तेजी देखी जा रही है.
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भारत में सप्लाई में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के कारण आने वाले महीनों में कपास की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है. 2024-25 के लिए घरेलू उत्पादन घटकर 295.30 लाख गांठ रह गया है जो पिछले सीजन में 327.45 लाख गांठ था. यह सात साल का निचला स्तर है और लंबे समय तक गिरावट का रुख जारी है. उत्पादन गिरने के पीछे बड़ी वजह 2006 से अभी तक कोई नया जीएम बीज मार्केट में नहीं आने और मौजूदा बीटी वैरायटी में कीटों की प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ना है.
इस बार 17 लाख गांठ निर्यात से अधिक 30 लाख गांठ कपास का आयात होने का अनुमान है. यह कई साल के रिकॉर्ड को तोड़ेगा क्योंकि भारत अधिक से अधिक कपास का निर्यात करता रहा है. इससे पहले 2011-12 में भारत ने 130 लाख गांठ तक निर्यात किया था. कच्चे कपास पर अगर 11 परसेंट की इंपोर्ट ड्यूटी खत्म होती है तो अमेरिका से आयात बढ़ सकता है. पिछले साल अकेले अमेरिका ने भारत को 2100 लाख डॉलर का कपास बेचा था. इससे भारत के कपड़ा उद्योग और इसके निर्यात को बहुत मदद मिली. अमेरिका को लगभग 11 अरब डॉलर का कपड़ा निर्यात किया गया.
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पूरी दुनिया में इस साल कपास का स्टॉक कम हो सकता है जिससे दाम में उछाल की संभावना है. ब्राजील और तुर्की से कपास निर्यात बढ़ने की संभावना है जबकि ऑस्ट्रेलिया और मिस्र से इसमें कमी आ सकती है. इस तरह भारत में गिरते कपास उत्पादन और बढ़ते आयात की वजह से घरेलू मार्केट में कपास के दाम में तेजी आ सकती है.
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