चावल-चीनी के बाद अब भारतीय केले का दुनिया में बजेगा डंका, नीदरलैंड को 1 बिलियन डॉलर का निर्यात होगा

चावल-चीनी के बाद अब भारतीय केले का दुनिया में बजेगा डंका, नीदरलैंड को 1 बिलियन डॉलर का निर्यात होगा

भारत दुनया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है.आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में किसान बड़े स्तर पर केले की खेती करते हैं. कृषि अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और विशेषज्ञ चिराला शंकर राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश से केले के निर्यात की बड़ी संभावना है. 

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चावल-चीनी के बाद अब भारतीय केले का दुनिया में बजेगा डंका, नीदरलैंड को 1 बिलियन डॉलर का निर्यात होगाभारत समुद्री मार्ग से करेगा केले का निर्यात. (सांकेतिक फोटो)

भारत चावल, चीनी और गेहूं के बाद बागवानी उत्पाद के निर्यात में भी दूसरे देशों को अपना लोहा मनवा रहा है. अब यह विदेशों में ताजा केले का बंपर निर्यात कर रहा है. खास बात यह है कि ये निर्यात फ्लाइट के बजाए समुद्री मार्ग से भी किए जा रहे हैं. हाल ही में इंडिया ने समुद्री मार्ग के जरिए नीदरलैंड को ताजा केले का सफलतापूर्वक निर्यात किया है. खास बात यह है कि अब भारत आगे भी नीदरलैंड को समुद्री मार्ग से ही ताजा केले का निर्यात करेगा. इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. कहा जा रहा है कि अगले पांच साल में भारत से 1 बिलियन डॉलर का केला नीदरलैंड को निर्यात किया जाएगा. 

अभी भारत नीदरलैंड को कम मात्रा में केले का निर्यात कर रहा है. इसमें भी अधिकांश फलों का निर्यात हवाई मार्ग से हो रहा है. अब भारत समुद्री मार्गों के जरिए निर्यात बढ़ाने के लिए केले के अलावा आम, अनार और कटहल जैसे ताजे फलों और सब्जियों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है. प्रोटोकॉल में यात्रा के समय को समझना, वैज्ञानिक रूप से इन वस्तुओं के पकने को समझना, एक विशेष समय पर कटाई करना और किसानों को प्रशिक्षण देना शामिल है. ये प्रोटोकॉल अलग-अलग फलों और सब्जियों के लिए अलग-अलग होंगे.

एपीडा ने केला निर्यात के लिए प्रोटोकॉल बनाया

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अन्य हितधारकों के साथ मिलकर केले के लिए ये प्रोटोकॉल विकसित किए हैं. एपीडा वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा है. अधिकारी ने कहा कि सफल परीक्षण शिपमेंट के साथ, भारत का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के केले निर्यात करना है, जो समुद्री मार्ग के माध्यम से एक डिफरेंट मार्केट पोर्टफोलियो के द्वार खोल देगा.

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176 मिलियन डॉलर केले का निर्यात किया

अधिकारी ने कहा कि भारतीय केले का मार्केट बहुत बड़ा है. अमेरिका, रूस, जापान, जर्मनी, चीन, नीदरलैंड, यूके और फ्रांस जैसे प्रमुख देशों में भी भारतीय केले की डिमांड है. दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक होने के बावजूद, वैश्विक बाजार में भारत का निर्यात हिस्सा वर्तमान में केवल एक प्रतिशत है, भले ही दुनिया के 35.36 मिलियन मीट्रिक टन केले उत्पादन में देश की हिस्सेदारी 26.45 प्रतिशत है. साल 2022-23 में, भारत ने 176 मिलियन डॉलर के केले का निर्यात किया, जो 0.36 एमएमटी के बराबर है.

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