कपास का दाम इस साल घटकर आधा हो गया है. जहां पिछले साल इसका भाव 12000 से 14000 रुपये प्रति क्विंटल तक था वहीं अब यह घटकर सिर्फ 6000 रुपये के रेंज में आ गया है. महाराष्ट्र इसका दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है. इस साल की शुरुआत से जब दाम घटना शुरू हुआ तो काफी किसानों ने इसे स्टोर करके अपने घरों के अंदर और छतों पर रख लिया. लेकिन इस स्टोरेज से और नुकसान हो गया. जब स्टोरेज किया था तब 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक का दाम चल रहा था जो अब दो हजार रुपये और घट गया है. यानी अच्छे दाम की चाहत में किसानों का और नुकसान हो गया.
जलगांव जिले के रहने वाले किसान नितिन पाटिल बताते हैं कि उन्होंने 8 एकड़ में कपास की खेती की थी. लेकिन जैसी उम्मीद थी वैसा रिटर्न नहीं आया. इस समय भी उनके पास 55 क्विंटल कपास रखा हुआ है. उनका कहना है कि इस बार बाजार में 6600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है, जो पहले के मुकाबले बहुत कम है. पाटिल ने बताया उनके तालुका में 70 फीसदी किसानों ने अभी तक कपास का स्टॉक रखा है. किसान का कहना है कि जब कम से कम 8000 रुपये का भाव मिलेगा तब हम बेचेंगे. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि सात-आठ महीने तक रखने से कपास का स्टॉक अब खराब हो रहा है. उसकी गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है.
किसानों का सवाल है कि जब पिछले साल 14000 रुपये प्रति क्विंटल तक के दाम पर कपास बिका था तो इस साल ऐसा क्या हुआ कि दाम आधे से भी कम हो गया है. क्या फसल डबल हो गई? ऐसा बिल्कुल नहीं है. कई किसानों ने कपास 6,500 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचा है. कई मंडियों में बारिश में कपास की नीलामी न करने का इंतजाम न होने की वजह से इसकी बिक्री नहीं हो रही है. इसका भी दाम पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. उद्योग जगत को पता है कि इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर कपास स्टोर करके रखा हुआ है, ऐसे में वो भाव नहीं बढ़ा रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि बेचेंगे नहीं तो भला किसान कहां जाएंगे.
ये भी पढ़ें- मॉनसून की बारिश के बाद महाराष्ट्र में खरीफ फसलों की बुवाई ने पकड़ा जोर
इस साल महाराष्ट्र में कपास की बुवाई पिछले साल से 3.58 लाख हेक्टेयर पीछे है. यह 14 जुलाई तक की रिपोर्ट है. क्या इसकी वजह कम दाम है? दरअसल, यह भी एक फैक्ट है. इस साल कपास की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. अगर दाम और गिरे तो किसान बुवाई कम कर देंगे. वर्धा के सेलु तालुका के किसान राहुल घुमड़े ने अपने खेत में 6 एकड़ में कपास की फसल लगाई. कड़ी मेहनत की. करीब 25 क्विंटल कपास का उत्पादन किया. उम्मीद थी कि अच्छा दाम मिलेगा. क्योंकि पिछले साल कपास की कीमत 14 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक थी. लेकिन बढ़ने की बजाय कीमत घट गई.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today