Potato Farming: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर दी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है. साथ ही सीएम सुक्खू ने ऊना जिले में 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से आलू प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की घोषणा भी की. इसके साथ ही उन्होंने किसानों से यह वादा भी किया कि सरकार जल्द ही आलू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करेगी. उनका कहना था कि एमएसपी का मकसद किसानों की आय बढ़ाना और कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह बात तब कही जब वह शिमला में हिमाचल प्रदेश रिवाइटलाइजिंग रेनफेड एग्रीकल्चर नेटवर्क की तरफ से आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे. सुक्खू ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ग्रीन एनर्जी और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम सुक्खू की मानें तो प्राकृतिक खेती की फसलों के लिए एमएसपी पहले ही तय कर दिए गए हैं. अब स्थायी कृषि करने वाले किसानों को समर्थन देने के लिए इसे और बढ़ाया जाएगा. सुक्खू ने प्राकृतिक और जलवायु-अनुकूल खेती के महत्व का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देने के लिए आने वाले वर्ष में कई नई योजनाएं शुरू की जाएंगी.
सुक्खू का कहना था कि राज्य की 80 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है जो हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. साथ ही कृषि का राज्य की जीडीपी में 14 फीसदी योगदान है. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कैंसर के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की, जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के बाद देश में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है. उनका कहना था कि जारी रिसर्च में मूल कारणों की पहचान करने की कोशिशें की जा रही हैं. सीएम सुक्खू ने इसके साथ ही कहा कि बदलती खाद्य आदतें इसे बढ़ावा देने वाली वजहें हो सकती हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि केमिकल फ्री, पारंपरिक खेती के तरीकों को बढ़ावा देना स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को बेहतर बनाने का बड़ा रास्ता हो सकता है.
जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम पैटर्न से पैदा हुईं चुनौतियों का समाधान करते हुए सीएम सुक्खू ने जलवायु-लचीली कृषि, दलहन फसलों को बढ़ावा देने, बड़ स्तर पर पशुपालन, पारंपरिक बीजों के प्रयोग में इजाफा और जल सुरक्षा के साथ ही मिट्टी के संरक्षण पर मजबूत ध्यान देने की वकालत की. उनका कहना था कि ये कदम खेती की आजीविका की रक्षा करने और पर्यावरणीय व्यवधानों के सामने सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं.
इस अवसर पर सीएम सुक्खू ने राज्य में प्राकृतिक खेती के तरीकों से मिले अनुभवों और सीखों पर आधारित एक किताब को भी लॉन्च किया. साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती में लगे किसानों के प्रयासों की सराहना की और इस टिकाऊ कृषि मॉडल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहलों को भी सामने रखा.
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