रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं पर मार्च का महीना भारी पड़ा है. मार्च के महीने हुई बैमौसम बारिश ने देश के कई राज्यों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिसके तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की खेत में खड़ी फसल लेट गई है. कुल मिलाकर बारिश और ओलावृष्टि की मार से गेहूं की फसल खेत में ही पस्त पड़ गई है. इस बीच बुधवार से दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश शुरू हो गई है. IMD ने एक अप्रैल तक देश के कई राज्यों में हल्की से तेज बारिश और ओलावृष्टि होने का अनुमान लगाया है. जिसे कृषि वैज्ञानिक गेहूं की फसल को खतरनाक मान रहे हैं. भारतीय गेहूं और जौ अनुसंंधान संस्थान (IIWBR) के निदेशक डॉ ज्ञानेद्र सिंह ने किसान तक से हुई बातचीत में बताया कि ये बारिश गेहूं की फसल को कितना नुकसान पहुंचा सकती है.
किसान तक से हुई लाइव बातचीत में IIWBR के डायरेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अभी तक कुछ राज्यों में गेहूं की कटाई हो चुकी है. उन्होंने आंकड़ों के हवालों से कहा कि अभी तक कुल रकबे के 40 प्रतिशत हिस्से की कटाई हो चुकी है. वहीं बची हुई 60 प्रतिशत गेहूं के रकबे की अभी कटाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इस 60 प्रतिशत से भी 25 से 30 प्रतिशत गेहूं की फसल बारिश की वजह से खेत में लेट गई है, जिस पर फिर शुरू होने वाली बारिश बड़ा संकट है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में तेज बारिश का पूर्वानुमान जारी हुआ है, ऐसे में जो फसल खेतों में लेटी हुई है. उसका दाना खराब होने की संभावना है.
ये भी पढ़ें- Millets: रागी चाय के बारे में जानते हैं आप! पूरी जानकारी के लिए पढ़ें ये खबर
उन्होंने बताया कि अब होने वाली बारिश इन दो राज्यों के किसानों को अधिक नुकसान पहुंचा सकती है. क्योंकि इन दोनों राज्यों में पहले हुई बारिश से ही खेतों में गेहूं की फसलें लेट चुकी है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
किसान तक से हुई लाइव बातचीत में IIWBR के डायरेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने मार्च के आखिरी दिनों व अप्रैल के लिए बारिश को जो पूर्वानुमान जारी हुआ है, उसको लेकर IIWBR ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने बताया कि अगर बारिश होती है तो जरूरी है कि खेतों में पानी जमा ना हो, इसके लिए किसान प्रभावी उपाय अपनाएं हैं. उन्होंने बताया कि खेतों से पानी की निकासी के लिए किसानों को चैनल बनाने की जरूरत है. वहीं मशीनों से भी किसान पानी खींच सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान क्यूक्वेम वाली कंबाइन मशीन से भी कटाई कर सकते हैंं,लेकिन खेतों के कोनें की फसल की कटाई हाथ से करनी होगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today