प्राकृतिक तरीके से उगाए गए गेहूं और मक्का फसलों को अधिक कीमत पर खरीदा जाएगा. जबकि, अन्य फसलों पर भी अतिरिक्त कीमत तय की जा रही है. वहीं, गाय और भैंस के दूध पर भी अधिक कीमत देने की बात कही गई है. हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एमएसपी देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी देने वाला पहला राज्य बन गया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य और पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (INRAE)) के 4 वैज्ञानिकों के दल के साथ बातचीत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उपायों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में आगे है, क्योंकि यह राज्य प्राकृतिक खेती के तरीकों से उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला भारत का पहला राज्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक तरीके से उगाए गए गेहूं, मक्का समेत अन्य फसलों पर एमएसपी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक तरीके से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है. इस तरह से गेहूं की सरकारी खरीद 4000 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का 3000 हजार रुपये क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है.
अब अगर सामान्य तरीके से यानी उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से उगाए गए गेहूं की एमएसपी देखें तो यह 2,275 रुपये प्रति क्विंटल है और मक्का 2,090 रुपये प्रति क्विंटल है. इस तरह से प्राकृतिक तरीके से उगे गेहूं पर करीब 1725 रुपये प्रति क्विंटल अधिक कीमत किसानों को राज्य सरकार की ओर से मिल रही है. वहीं, मक्का पर भी अधिक कीमत किसानों को मिलेगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अगले 5 से 6 वर्षों में प्राकृतिक खेती में सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ेगा. उन्होंने प्राकृतिक खेती में उत्पाद प्रमाणन के महत्व पर जोर दिया. संभावना जताई जा रही है कि राज्य सरकार अन्य फसलों और उत्पादों पर भी किसानों को कीमतें बढ़ाकर लाभ देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि संसाधन विश्लेषण प्राकृतिक खेती (CETARA) सर्टिफिकेशन सिस्टम के लिए ऑथेंटिक एनालिसिस डिवाइस शुरू की गई है. इसे किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य में लागू किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हिम उन्नति योजना को क्लस्टर बेस्ड नजरिए के साथ लागू किया जा रहा है. इसका उद्देश्य केमिकल फ्री उपज पैदा करना और सर्टिफिकेशन करना है. इसमें लगभग 50,000 किसानों को शामिल करते हुए 2,600 कृषि समूह स्थापित करने की योजना है.
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