Rain: आफत भरी बारिश! गेहूं की फसल को सबसे अ‍ध‍िक नुकसान, क‍िसान परेशान

Rain: आफत भरी बारिश! गेहूं की फसल को सबसे अ‍ध‍िक नुकसान, क‍िसान परेशान

बीते कई दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने बीती रात और तेजी पकड़ी इसके आलावा कई जगह ओले भी गिरे. जिले के कई इलाकों में जोरदार हुई बरसात और भारी ओलावृष्टि से रबी की फसल को भारी नुकसान हुआ.

Advertisement
Rain: आफत भरी बारिश! गेहूं की फसल को सबसे अ‍ध‍िक नुकसान, क‍िसान परेशानकिसानों के गेहूं के फसल का हुआ नुकसान

यूपी में लगातार हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उन्नाव जनपद में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. मार्च के महीने में लगातार हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ कर रख दी हैं. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ा हुआ गेहूं, सरसों, चने की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा ताजी बोई गई फसलें उड़द और मक्का के खेतों में पानी भर गया है, जिससे उनको नुकसान पहुंचा है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने पूरे जिले में अन्नदाताओं की कमर तोड़ के रख दी है. वहीं अन्नदाताओं ने फसल के नुकसान का सर्वे कराकर सरकार से मुआवजा की मांग की है.

दरअसल बीते कई दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने बीती रात और तेजी पकड़ी. इसके आलावा कई जगह ओले भी गिरे. जिले के कई इलाकों में जोरदार हुई बरसात और भारी ओलावृष्टि से रबी की फसल को भारी नुकसान हुआ.

 किसान ने बताया हाल

महिला किसान तारा ने बताया कि बारिश से गेहूं बहुत गिर गया है. इससे बहुत नुकसान हो गया है. बारिश आंधी-तूफान फसलों पर भारी पड़ी है. खेतों में पानी भर गया है. उन्होंने कहा कि सरकार से मुआवजे की उम्मीद है. तारा ने कहा कि उनके घर कोई सरकारी नौकरी है. खेती से ही सब कमाते खाते हैं, लेकि‍न अब फसल खराब हो गई तो रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. किसान सत्य नारायण ने बताया कि बारिश और तूफान से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने भी सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई. कहा, सरकार अगर मुआवजा देती है तो कुछ आसार मिलेगा क्योंकि खेती ही सहारा है.

ये भी पढ़ें:- Onion Price: चार अप्रैल तक बंद रहेगी एश‍िया की सबसे बड़ी लासलगांव प्याज मंडी

3500 किसानों का हो गया सर्वे

वहीं इसको लेकर जब एडीएम से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक हम लोगों ने करीब 3500 किसानों का डाटा फीड कर दिया है. इसके लिए राहत की एक पोर्टल है, जिसमें किसानों का डाटा है. लेखपाल के माध्यम से फीड होता है और उसको फीड करके स्वतः सत्यापन करके तहसीलदार एसडीएम भेजते हैं. खतौनी अप्रूव्ड करके पैसा किसानों के खाते में जाएगा. उन्होंने कहा क‍ि इसमें जो सर्वे होता है, फसल क्षति का होता है और जो खातेदार होते हैं, उसे हम उनके बैंक का डिटेल और आधार नंबर कलेक्ट करते हैं. प्रक्रिया पूरी करके जल्दी से जल्दी इसका भुगतान शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम उनका भी सर्वे कर रहे हैं, जिनकी फसल ज्यादा प्रभावित हुई है. ( र‍िपोर्ट- व‍िशाल स‍िंह चौहान)

POST A COMMENT