हरियाणा की रेवाड़ी मंडी के बाहर सरसों से भरे ट्रैक्टरों की लंबी लाइनें लगी हैं. किसान परेशानी में इधर-उधर भाग रहे हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे अपनी उपज का क्या करें. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हैफेड के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. ऐसी स्थिति में मंडी में आखिर सरसों की खरीद कैसे होगी, किसान समझ नहीं पा रहे हैं. हड़ताल की वजह से ही रेवाड़ी मंडी के बाहर ट्रैक्टरों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. हरियाणा में आज सरसों की खरीद का दूसरा दिन है, लेकिन मंडियों के अंदर व्यवस्थाएं बिल्कुल विपरीत नजर आ रही हैं. पिछली देर रात से किसान ट्रैक्टर में सरसों लेकर कतारों में खड़े हैं, उसके बावजूद अभी तक उनका नंबर नहीं आया है.
रेवाड़ी की अनाज मंडी में किसान देर रात से अपने ट्रैक्टर में खुली सरसों लेकर बैठा है. किसानों का कहना है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया है. लाइन में खड़े किसान पानी और भूख से भी परेशान हो चुके हैं. किसानों का कहना है कि अगर सरकार गांव के हिसाब से खरीद करती तो ज्यादा अच्छा रहता. रेवाड़ी अनाज मंडी से यह लाइन करीबन डेढ़ से 2 किलोमीटर तक लंबी लगी हुई है.
मंडी सेक्रेटरी नरेंद्र यादव का कहना है कि हैफेड की स्ट्राइक होने के कारण खरीद प्रक्रिया में देरी हो रही है. बातचीत करके कंपनी कर्मचारियों को बुलाया गया है ताकि किसानों को परेशानी ना हो. बीते दिन रेवाड़ी मंडी में 1130 क्विंटल सरसों खरीदी गई है. मंडी सेक्रेटरी ने किसानों से अपील भी की है कि वे अपनी सरसों को सुखा कर लाएं ताकि उन्हें मंडी में लंबी कतार में लगने के बाद अपनी सरसों वापस ले जाने के लिए परेशान ना होना पड़े.
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मंडी सेक्रेटरी नरेंद्र यादव ने कहा कि कल 1130 क्विंटल सरसों की आवक हुई और किसानों के लिए 5650 रुपये एमएसपी रेट है. कल 62 किसानों ने सरसों बेची है. अभी काम शुरू हुआ है, इसलिए एक दो दिन सिस्टम बनने में लगेगा. व्यवस्था को देखते हुए खरीद की जल्द ही शेड्यूल भी जारी कर सकते हैं.ऊपर के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. किसानों के लिए कोई परेशानी नहीं आने देंगे. अभी सरसों में 8 परसेंट तक नमी की इजाजत है, उससे ज्यादा की अनुमति नहीं है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे सरसों में नमी का ध्यान रखें, सुखा कर लाएं ताकि उन्हें उपज लेकर लौटना न पड़े.
मंडी पहुंचे किसानों ने कहा कि इस तरह से लाइन लगना ठीक नहीं है क्योंकि इससे किसानों के साथ आमजन को भी परेशानी नहीं है. सरकार को किसानों की भलाई में मंडी में सुविधाएं बढ़ानी चाहिए. एक किसान ने कहा कि दिन के 1 बज गए हैं, लेकिन अभी तक खरीद को लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. एक किसान ने कहा कि वे सुबह 5 बजे से सरसों लेकर मंडी में खड़े हैं, लेकिन खरीदी की लाइन नहीं आई. वे व्यवस्था को गलत बता रहे हैं. किसान गेट पास की प्रक्रिया से खुश नहीं हैं क्योंकि इससे देरी होती है. किसानों का कहना है कि मंडी प्रशासन सीधा किसानों को अंदर कराए ताकि किसान आसानी से अपनी उपज को बेच सकें.
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भगवानपुर के किसान संदीप ने बताया कि वे सुबह 4 बजे से लाइन में लगे हैं, उस समय उनका नंबर 12वां था और दिन के 1 बजे भी वैसी ही लाइन है. दो दिन हो गए लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं है. मंडी में व्यवस्था बहुत खराब है. संदीप ने बताया कि वे सुबह चार बजे से लाइन में खड़े हैं और उनके पीछे दो किमी तक ट्रैक्टरों की लाइनें लगी हैं. अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो ये लाइन और भी बढ़ सकती है.
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