हरियाणा के अंबाला में गेहूं खरीद सीजन एक अप्रैल से शुरू होगा. खरीद के लिए जिले की मंडियों में तैयारी शुरू हो गई है. जहां जिले की कई मंडियों में पीने के पानी और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराया जा रहा है वहीं कई मंडियों में अभी सफाई नहीं हुई है. फिलहाल किसानों की सुविधा के लिए जिले में 15 मंडियों तथा खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी. इनमें अंबाला सिटी, अंबाला छावनी, साहा, बराड़ा, केसरी, सरदेहड़ी, उगाला, तलहेड़ी, नारायणगढ़, शहजादपुर, कड़ासन, बेरखेड़ी, मुलाना, नन्यौला और भड़ी कलां शामिल हैं.
पिछले साल यहां खरीद एजेंसियों यानी हैफेड, डीएफएससी और वेयरहाउस ने सभी 22026630 क्विंटल गेहूं की खरीद की थी. . इस बार करीब 15 प्रतिशत आवक ज्यादा होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अपार तिवारी के अनुसार खरीद के लिए सभी एजेंसियों के पास पर्याप्त मात्रा में बारदाना है और वे एक अप्रैल से खरीद के लिए एकदम तैयार हैं.
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उधर, अंबाला में कृषि उप निदेशक डॉ. जसविंद्र सैनी का कहना है कि मौसम अनुकूल होने के कारण अभी गेहूं की फसल पकी नहीं है, लेकिन अगले 15 दिन में पक कर तैयार होने की उम्मीद है. फिलहाल फसल के बंपर होने की उम्मीद है. यदि आसमान में बादल छाए रहते हैं या कहीं बरसात भी हो जाती है तो वह गेहूं के दाने को और पुष्ट करने का काम ही करेगी. लेकिन भारी ओलावृष्टि नुकसान पहुंचा सकती है. फिलहाल गेहूं की फसल के लिए सब कुछ ठीक है और आगे भी ठीक रहने की ही संभावना है.
इस बार मौसूम यूं ही अनुकूल बना रहा तो बंपर गेहूं पैदावार से धरतीपुत्र के भंडार भरने की संभावनाएं हैं. हालांकि कटाई का काम इस बार बैसाखी के आसपास ही प्रारंभ हो पाएगा. आसमान पर छाए बादलों से किसानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. यदि बूंदाबांदी होती भी है तो गेहूं को नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही होगा. गेहूं की फसल में पकाव की अवस्था चल रही है. इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की संभावना है लेकिन आगामी कुछ दिनों का समय इस फसल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यदि इस अवधि में कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो गेहूं की फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
जिले में गेहूं की कटाई 10 अप्रैल के आस पास प्रारंभ हो सकती है. फिलहाल तो किसान उसकी रखवाली करने में ही जुटा हुआ है और ऐसी उम्मीद कर रहा है कि मौसम अनुकूल रहेगा. गेहूं की सरकारी खरीद परंपरागत रूप से एक अप्रैल से प्रारंभ हो जाती है लेकिन इस बार गेहूं के नहीं पकने की वजह से देरी हो सकती है. हालांकि खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जिले में 288956 एकड़ कृषि योग्य भूमि है जिसमें से करीब 2 लाख एकड़ भूमि पर किसानों ने गेहूं बिजाई की हुई है. जिले में सभी फसलों के लिए 38260 किसानों ने खुद को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर स्वयं को पंजीकृत करवाया हुआ है.
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