गुजरात के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने फसल नुकसान की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सहायात राशि देने की घोषणा की है. खास बात यह है कि सहायता राशि जारी करने को लेकर कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है. जल्द ही प्रदेश के 9 जिले के किसानों के खातों में सहायता राशि पहुंच जाएगी. वहीं, सरकार की इस घोषणा से बारिश प्रभावित किसानों ने राहत की सांस ली है. उनका कहना है कि सहायता राशि के पैसे से वे अब दूसरी फसलों की बुवाई करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, मॉनसून आने के बाद से ही गुजरात में भारी बारिश का दौर जारी है. कहा जा रहा है कि मध्य जुलाई से जूनागढ़, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, आणंद, भरूच, सूरत, नवसारी और तापी जिले में भारी बारिश हो रही है. इससे बागवानी के साथ-साथ खरीफ फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. हालांकि, किसानों की मांग पर राज्य सरकार ने फसल नुकसान का सर्वे करने का आदेश दिया था. वहीं, सर्वे रिपोर्ट आने के बाद कल गुजरात सरकार की कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके बाद सहायता पैकेज को मंजूरी दी गई. खास बात यह है कि सरकार ने 9 जिलों के 45 तहसीलों के किसानों के लिए 350 करोड़ रुपये की कृषि सहाय राशि वितरित करने का ऐलान किया है.
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खरीफ 2024-25 सीज़न में असिंचित फसल में 33 फीसदी या इससे अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि दी जाएगी. इसके अलावा राज्य बजट के तहत भी किसानों को 2,500 रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे. यानी किसानों को कुल 11,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता मिलेगी. खास बात यह है कि किसानों को सिर्फ 2 हेक्टेयर तक की फसल सहायता राशि ही मिलेगी. वहीं, वर्षा आधारित सिंचित फसलों के 33 फीसदी या अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार 17,000 रुपये और राज्य बजट के तहत 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर मिलेंगे. यानी कुल मिलाकर किसानों को 22,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता राशि अधिकतम 2 हेक्टेयर तक लिए दी जाएगी.
इसी तरह बारहमासी बागवानी फसलों के 33 प्रतिशत या अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार, 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता राशि मिलेगी. इसके अलावा वर्षा आधारित बागवानी फसलों में 33 प्रतिशत या अधिक नुकसान के लिए एसडीआरएफ के मानदंड अनुसार 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता मिलेगी. साथ ही राज्य बजट निधि से अतिरिक्त सहायता के रूप में 5,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाएंगे. यानी किसानों को कुल प्रति हेक्टेयर फसल मुआवजे के रूप में 22000 रुपये दिए जाएंगे. खास बात यह है कि 2 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा तक ही सहायता राशि दी जाएगी.
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इसी तरह बारहमासी बागवानी फसलों के 10 फीसदी या अधिक लेकिन 33 फीसदी से कम पेड़ पलटने/गिरने/टूटने/नष्ट होने की विशेष स्थिति में राज्य निधि से 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता 2 हेक्टेयर सीमा में दी जाएगी. साथ ही बारहमासी बागवानी फसलों के 33 फीसदी या अधिक पेड़ उखड़ गए/गिर गए हों तो ऐसे मामले में 22,500 रुपये की सहायता के अतिरिक्त राज्य निधि में से 1,02,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मिलाकर कुल 1,25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता 2 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा में दी जाएगी. (रिपोर्ट- बृजेश दोषी)
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