दालों के लिए केंद्रीय बफर स्टॉक में भारी गिरावट दर्ज की गई है. तुअर दाल के मानक स्टॉक 10 लाख मीट्रिक टन की तुलना में मात्रा 35 हजार मीट्रिक टन ही स्टॉक बचा है. इसी तरह मूंग, मसूर और चना दाल के स्टॉक में भी भारी गिरावट आई है. ऐसे में केंद्र सरकार ने तुअर समेत इन दालों की खरीद में तेजी लाने के संकेत दिए हैं. अन्य दालों की तुलना में तुअर दाल की सर्वाधिक खपत होती है. केंद्र एमएसपी पर किसानों से दालों की खरीद कर रही है.
कम उत्पादन के चलते दो साल तक तुअर दाल की ऊंची कीमतों के बाद सरकार से बफर स्टॉक बनाने और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर तुअर दाल की खरीद में तेजी लाने की उम्मीद है. कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अब तक खरीद एजेंसियों ने 12,335 टन तुअर दाल खरीदी है. मंत्रालय ने दालों के लिए PSS के तहत 2024-25 सीजन के लिए 13.2 लाख मीट्रिक टन तुअर खरीद को मंजूरी दी है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि दालों के लिए नामित खरीद एजेंसियों नेफेड और एनसीसीएफ ने बफर स्टॉक को फिर से भरने के लिए दालों की खरीद में तेजी लाने की तैयारी कर ली है. एजेंसियां आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तुअर की खरीद शुरू कर दी है. तुअर दाल का स्टॉक घटकर सिर्फ 35,000 मीट्रिक टन रह गया है. जबकि, मानक स्टॉक 10 लाख मीट्रिक टन होना चाहिए. तुअर दाल का मौजूदा स्टॉक का एक बड़ा हिस्सा आयात के जरिए बनाया गया था.
महाराष्ट्र का लातूर तुअर दाल का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है. यहां पर नई तुअर की मंडी कीमतें वर्तमान में 2024-25 सीजन के लिए 7,550 प्रति क्विंटल के एमएसपी के बराबर हैं. इसके विपरीत पिछले दो वर्षों में कम उत्पादन के चलते मंडी की कीमतें 9,000 से 10,000 प्रति क्विंटल के बीच रही थीं, जो एमएसपी से काफी अधिक थीं.अधिकारियों ने कहा कि तुअर उत्पादन में गिरावट के चलते पिछले दो वर्षों में कीमतें एमएसपी से कम से कम 30 फीसदी अधिक थीं, जिसने एजेंसियों को 2022-23 और 2023-24 में पीएसएस के तहत दालों की खरीद करने से रोक दिया था.
नेफेड और एनसीसीएफ के पास दालों का मौजूदा बफर स्टॉक मानक से काफी कम है.
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