scorecardresearch
खुशखबरी: दाल और प्याज की सरकारी खरीद के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन शुरू, किसान जल्दी उठाएं फायदा 

खुशखबरी: दाल और प्याज की सरकारी खरीद के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन शुरू, किसान जल्दी उठाएं फायदा 

सरकार की तरफ से प्‍याल और दालों की खेती करने वाले किसानों को गुड न्‍यूज दी गई है. सरकार ने खरीफ फसलों यानी प्याज, तुअर और उड़द दाल की खरीद के लिए किसानों का एडवांस रजिस्‍ट्रेशन शुरू कर दिया है. इस कदम का मकसद बफर स्टॉक बनाना और कीमतों में तेज गिरावट आने पर बाजार हस्तक्षेप कार्यक्रम शुरू करना है.

advertisement
सरकार ने शुरू किया दाल और प्‍याज की खरीद का एडवांस रजिस्‍ट्रेशन    सरकार ने शुरू किया दाल और प्‍याज की खरीद का एडवांस रजिस्‍ट्रेशन

सरकार की तरफ से प्‍याल और दालों की खेती करने वाले किसानों को गुड न्‍यूज दी गई है. सरकार ने खरीफ फसलों यानी प्याज, तुअर और उड़द दाल की खरीद के लिए किसानों का एडवांस रजिस्‍ट्रेशन शुरू कर दिया है. इस कदम का मकसद बफर स्टॉक बनाना और कीमतों में तेज गिरावट आने पर बाजार हस्तक्षेप कार्यक्रम शुरू करना है. सरकारी सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.

एडवांस रजिस्‍ट्रेशन का फायदा 

अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसानों की सहकारी संस्था नैफेड और भारतीय राष्‍ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) जैसी एजेंसियों ने खरीफ फसलों की बुवाई से पहले रजिस्‍ट्रेशन का अनुरोध किया है. इन एजेंसियों ने किसानों से उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन कराने को कहा है. ये वो फसलें हैं जिनकी बुवाई अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है. अधिकारियों की मानें तो किसानों के एडवांस रजिस्‍ट्रेशन की मदद से विभाग फसल के आकार का आकलन कर सकता है. इससे एजेंसियों को प्याज और दालों जैसी वस्तुओं के स्‍टोरेज और डिस्‍पोजेबल सिस्‍टम (निपटान तंत्र) जैसे लॉजिस्टिक्‍स अरेंजमेंट्स करने में मदद मिल सकेगी.  

यह भी पढ़ें- यूपी में किसानों के आमदनी का बड़ा जरिया बनेगी सांभा मंसूरी चावल की खेती 

प्राइवेट ट्रेडर्स को बेचने की आजादी 

अगर किसानों को प्राइवेट ट्रेडर्स सरकारी एजेंसियों की तुलना में ज्‍यादा कीमत देते हैं तो वो अपनी फसलों को उन ट्रेडर्स को बेचने के लिए आजाद होंगे.  एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि आगामी खरीफ सीजन में तुअर दाल की खरीद के लिए गैर-पारंपरिक राज्यों जिनमें बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड शामिल हैं, वहां पर बुनियादी ढांचा स्थापित करने का भी लक्ष्य तया किया गया है. अभी तक नेफेड और एनसीसीएफ ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्‍ट्र में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दालें खरीदते हैं. 

यह भी पढ़ें-PM मोदी के नासिक दौरे से पहले हिरासत में लिए गए 50 से अधिक किसान, इस रिपोर्ट में खुलासा 

क्‍या है एजेंसियों का मकसद 

इन दोनों ही एजेंसियों का मकसद दालों और तिलहनों की खरीद करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल सके. महाराष्‍ट्र में ज्‍यादातर प्‍याज किसानों से मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत खरीदा जाता है, जिसका उद्देश्य किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए कृषि-बागवानी वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता की जांच करना है.

यह भी पढ़ें-सूरत के किसानों की एक ही मांग- फसल नुकसान का सर्वे कर तुरंत मुआवजा दिलाए सरकार

बफर स्‍टॉक के लिए पहल 

इस बीच, एनसीसीएफ ने चालू वित्त वर्ष में बफर के लिए किसानों से 17-20 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर रबी प्याज की खरीद शुरू कर दी है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बफर के लिए 0.5 मिलियन टन (एमटी) प्याज खरीदने का फैसला किया था, जिसे बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए बाजार में कैलिब्रेटेड तरीके से जारी किया जाता है. नेफेड और एनसीसीएफ को प्रमुख सब्जियों में से प्रत्येक 0.25 मीट्रिक टन खरीदने का काम सौंपा गया है. 

यह भी पढ़ें-पंजाब-हरियाणा में क्‍यों सरकारी आदेश के बाद शुरू होती है धान रोपाई

क्‍या हुआ था 2023 में 

वित्त वर्ष 2023 में, एजेंसियों ने बफर के लिए किसानों से 0.64 मीट्रिक टन प्याज खरीदा था. एनसीसीएफ और नेफेड कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए प्रमुख शहरों में खरीदे गए स्टॉक का कैलिब्रेटेड निपटान सुनिश्चित करते हैं. बफर को उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा प्रबंधित मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत समर्थन दिया जाता है. शेल्फ-लाइफ को बेहतर बनाने और स्‍टोरेज घाटे को कम करने के लिए, सरकार इस साल 5000 टन प्याज को विकिरणित करने का लक्ष्य बना रही है. इसे  मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत बफर स्टॉकिंग के लिए किसानों से खरीदा जाएगा.