सरकार की ओर से स्वीकृत धारा मस्टर्ड हाइब्रिड (डीएमएच-11) जेनेटिकली मॉडीफाइड (GM) खाद्य फसल है. 2023-24 सीजन में इसकी बुवाई में देरी हो सकती है. क्योंकि, इसके फील्ड ट्रायल को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंजूरी नहीं मिली है. जबकि, सरसों की फसल के लिए सामान्य बुआई समय 15 नवंबर के आसपास खत्म हो जाता है और 21 नवंबर तक 90 फीसदी बुवाई पूरी हो जाएगी. ऐसे में इस GM mustard DMH 11 की बुवाई नहीं होने या देरी होने की आशंका जताई जा रही है.
जेनेटिकली मॉडीफाइड (GM) धारा मस्टर्ड हाइब्रिड (डीएमएच-11) फसल वजन मानक पर सटीक नहीं बैठने के चलते विवादों में घिरी है और इसका मामला सुप्रीमकोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट 7 नवंबर समेत तय पिछली कुछ तारीखे में मामले की सुनवाई नहीं कर सका और अगली तारीख अभी तय नहीं हुई है. हालांकि, मामला की सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि बुआई की अनुमति देने के लिए कोई आदेश पारित किया जाएगा या नहीं.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 10 नवंबर तक सरसों का रकबा 57.16 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि के 56.87 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक है. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य क्षेत्र की लगभग 80 प्रतिशत बुआई पूरी हो चुकी है और 21 नवंबर से पहले 90 प्रतिशत से अधिक बुवाई क्षेत्र कवर हो जाएगा. यदि 21 नवंबर के बाद धारा मस्टर्ड हाइब्रिड सरसों की बुवाई की जाती है तो उपज प्रभावित हो सकती है.
ये भी पढ़ें - PAN Card Penalty: रद्द पैन कार्ड इस्तेमाल किया तो 10 हजार का लग जाएगा चूना, बचने का ये तरीका अपनाएं
मामला अदालत में होने के चलते इसकी बुवाई और उपज को लेकर कृषि वैज्ञानिक चुप्पी साधे हैं. वहीं, कुछ एक्सपर्ट ने ट्रायल पर प्रतिबंध की आशंका पर चिंता जताई है. एक तिलहन अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक ने कहा कि ट्रायल की अनुमति दी जानी चाहिए, भले ही व्यावसायिक अनुमति न मिले. क्योंकि इससे वैज्ञानिक अनुसंधान का दायरा बढ़ेगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today