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Food Inflation: आने वाले दिनों में मूंगफली हो सकती है महंगी, इस वजह से कीमतों में होगी बढ़ोतरी

Food Inflation: आने वाले दिनों में मूंगफली हो सकती है महंगी, इस वजह से कीमतों में होगी बढ़ोतरी

मूंगफली भारत की एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है जो क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम तथा उत्पादन की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है. विश्व स्तर पर, चीन मूंगफली उत्पादन में पहले स्थान पर है. उसके बाद भारत, नाइजीरिया, अमेरिका, सूडान और सेनेगल का स्थान आता है.

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मूंगफली की कीमत में हो सकती है बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो) मूंगफली की कीमत में हो सकती है बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

आने वाले दिनों में तमिलनाडु के अंदर मूंगफली कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि इसके रकबे में गिरावट आई है और भारी बारिश से फसल को भी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि उत्पादन में गिरावट आने से मूंगफल की सप्लाई प्रभावित हो जाएगी. इससे इसका रेट महंगा हो जाएगा. ऐसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में किसान बड़े स्तर पर मूंगफली की खेती करते हैं. अगर इन राज्यों में मूंगफली का उत्पादन प्रभावित होगा, तो पूरे देश में इसका असर देखने को मिलेगा.

द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि और ग्रामीण विकास अध्ययन केंद्र, तमिलनाडु कृषि की टीएन-आईएएम परियोजना के पूर्वानुमान में मूंगफली की कीमत में बढ़ोतरी का दावा किया गया है. टीएन-आईएएम परियोजना के पूर्वानुमान में कहा गया है कि किसानों ने इस बार प्रमुख उत्पादक राज्य तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में मूगफली की कम खेती की है. वहीं, बारिश से बोई गई फसल को भी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में यदि उत्पादन कम होता है, तो मूंगफली की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. 

ये हैं मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्य

पूर्वानुमान टीम ने कहा है कि विश्लेषण और बाजार सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, फसल के दौरान गुणवत्ता वाली मूंगफली की कीमत लगभग 80 से 85 रुपये प्रति किलोग्राम होगी. हालांकि, बाजार में आवक और मानसून के आधार पर कीमत में बदलाव हो सकता है. व्यापार सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में तमिलनाडु की मंडियों में मूंगफली की आवक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से हो रही है. प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा के कारण मूंगफली का क्षेत्रफल और आवक की मात्रा बहुत कम हो गई है. इससे भी कीमतें बढ़ने की संभावना बढ़ गई है.

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मूंगफली के रकबे में गिरावट

मूंगफली भारत की एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है जो क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम तथा उत्पादन की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है. विश्व स्तर पर, चीन मूंगफली उत्पादन में पहले स्थान पर है. उसके बाद भारत, नाइजीरिया, अमेरिका, सूडान और सेनेगल का स्थान आता है. फसल पूर्वानुमान समन्वय केंद्र (सीएफसीसी) के अनुमान के मुताबिक, खरीफ की बोई गई फसल का क्षेत्रफल 2022-23 में 45.53 लाख हेक्टेयर (एलएच) से घटकर 2023-24 में 43.91 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. वहीं, 2022-23 में रबी सीजन के दौरान मूंगफली का रकबा 3.74 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.83 लाख हेक्टेयर रह गया है. 

इन जिलों में होती है सबसे अधिक खेती

तमिलनाडु देश के प्रमुख मूंगफली उत्पादक राज्यों में से एक है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (2021-22) के अनुसार, तमिलनाडु में 3.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र मूंगफली का रकबा है. इससे 10.47 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होता है. तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम, वेल्लोर, कांचीपुरम, तिरुवल्लुर, कुड्डालोर, नामक्कल, कृष्णागिरी, सलेम और धर्मपुरी तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक जिले हैं

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