scorecardresearch
Onion Price: प्याज की न‍िर्यातबंदी खत्म होने के बाद बढ़ेंगे दाम, क‍िसानों ने पुराने नुकसान का मांगा मुआवजा 

Onion Price: प्याज की न‍िर्यातबंदी खत्म होने के बाद बढ़ेंगे दाम, क‍िसानों ने पुराने नुकसान का मांगा मुआवजा 

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले ने कहा क‍ि क‍िसान न‍िर्यातबंदी खोलने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. क‍िसानों का दर्द समझने के ल‍िए प्रधानमंत्री के आभारी हैं. लेक‍िन अगस्त 2023 से सरकार द्वारा अलग-अलग तरह से क‍िए जा रहे बाजार हस्तक्षेप से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा? 

advertisement
प्याज की न‍िर्यातबंदी हुई खत्म प्याज की न‍िर्यातबंदी हुई खत्म

केंद्र सरकार ने लगभग पांच महीने के बाद प्याज की न‍िर्यातबंदी खत्म करने का ऐलान कर द‍िया है. इसके बाद अब प्याज के दाम में थोड़ा सुधार होने का अनुमान है. क‍िसानों को उम्मीद है क‍ि रबी सीजन के बाकी बचे समय में उन्हें सही दाम म‍िलेगा. कम से कम उन्हें एक-दो रुपये क‍िलो पर प्याज बेचने के ल‍िए नहीं मजबूर होना पड़ेगा. आज 4 मई को सुबह न‍िर्यात बंदी खत्म होने की अध‍िसूचना आने के बाद बाजार का रुख शाम तक देखने को म‍िलेगा. लेक‍िन उससे पहले ही 3 मई को भी दाम में थोड़ी देखी गई थी. ज‍िन मंड‍ियों में आवक कम हो गई थी उनमें दाम 30 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक पहुंच गया था. 

महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केट‍िंग बोर्ड के अनुसार 3 मई को जुन्नर-नरायणगांव मंडी में क‍िसानों ने अध‍िकतम 30 रुपये क‍िलो पर प्याज बेचा. इसके अलावा केड़गांव में अध‍िकतम 20, सोलापुर में 23, अमरावती में 21, पेण में 26 और कामठी में 25 रुपये क‍िलो का दाम म‍िला. हालांक‍ि न्यूनतम दाम की बात करें तो यह कोल्हापुर में 7, अकोला में 8, चंद्रपुर में 10, मुंबई में 13, राहता में 2, धाराश‍िव में 10, ह‍िंगणा में 14, पुणे में 10, नास‍िक में 8 और लासलगांव में 7 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा. 

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

क‍िसानों ने मांगा नुकसान का मुआवजा 

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले ने कहा क‍ि क‍िसान न‍िर्यातबंदी खोलने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. क‍िसानों का दर्द समझने के ल‍िए प्रधानमंत्री के आभारी हैं. लेक‍िन अगस्त 2023 से सरकार द्वारा अलग-अलग तरह से क‍िए जा रहे बाजार हस्तक्षेप से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा. यह भी सरकार को बताना चाह‍िए. क‍िसानों ने हमेशा उस नेता का साथ द‍िया है ज‍िसने उनका दर्द समझा है, इसल‍िए केंद्र को मुआवजे को लेकर कुछ सोचना चाह‍िए. 

क‍िसानों को क‍ितना हुआ नुकसान 

द‍िघोले का कहना है क‍ि सरकार ने अगस्त से प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी थी. इसके बाद अक्टूबर 2023 में 800 डॉलर प्रत‍ि टन की एमईपी लगाई थी. उसके बाद 7 द‍िसंबर को एक्सपोर्ट को बैन कर द‍िया था. इससे हर क‍िसानों को, चाहे वो खरीफ का प्याज उगाने वाला हो या रबी का औसतन करीब 4-4 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. उपभोक्ताओं को खुश रखने के नाम पर यह सब हुआ है, लेक‍िन क‍िसानों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा. यह सत्ताधारी नेताओं को बताना चाह‍िए. यही नहीं अब समय आ गया है क‍ि सरकार प्याज को लेकर कोई ऐसी नीत‍ि बनाए ज‍िससे क‍ि क‍िसानों और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान न हो.

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर