पंजाब के अमृतसर की मंडी में बासमती धान आना शुरू हो गया है लेकिन इसके बाद भी किसान खुश नहीं हैं. अमृतसर की भगतांवाला अनाज मंडी में हर तरफ बासमती ही बासमती नजर आ रहा है. यह मंडी धान की सबसे बड़ी मंडियों में शामिल है. किसानों का कहना है कि समय से पहले आवक आने के बाद उन्हें जितनी उम्मीद थी, दाम उससे कम मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि यही बात किसानों को काफी निराश कर रही है. भगतांवाला अनाज मंडी में बासमती की शुरुआती किस्म पूसा 1509 की आवक समय से पहले शुरू हो गई है लेकिन रिटर्न काफी निराशाजनक है.
'इंडियन एक्सप्रेस' ने अमृतसर जिले के चावल किसान जगविंदर सिंह के हवाले से लिखा है कि उन्होंने इस मंडी में भगतांवाला अनाज मंडी में अपनी बासमती की शुरुआती किस्म - पूसा 1509 बेची. लेकिन उन्हें जो रिटर्न मिला उससे वह काफी दुखी हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी फसल 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची है. जबकि पिछले साल उन्हें 3612 रुपये प्रति क्विंटल का मुनाफा हुआ था. सिंह की मानें तो पिछले साल कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच उनकी फसल से उन्हें औसतन 3400 रुपये प्रति क्विंटल का मुनाफा हुआ था. अखबार के मुताबिक, सिंह ने ओथियन गांव में 10 एकड़ जमीन पर पूसा 1509 की फसल बोई है. लेकिन इस साल उन्हें दोहरा नुकसान हो रहा है.
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जगविंदर सिंह का कहना था कि पंजाब में लंबे समय तक गर्मी की स्थिति की वजह से उनकी फसल में भी गिरावट आई है जो देश में बासमती का प्रमुख उत्पादक राज्य है. पूसा 1509 कुल बासमती क्षेत्र के 23 फीसदी हिस्से में उगाया जाता है. उन्होंने बताया, 'पहले तो मेरी फसल पिछले साल के 23-24 क्विंटल के मुकाबले घटकर 15-16 क्विंटल प्रति एकड़ रह गई. फिर अब कीमत में 1000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा की गिरावट आई है. मुझे प्रति एकड़ 20000 से 25000 रुपये का नुकसान होगा.'
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जगविंदर सिंह अकेले ऐसे किसान नहीं हैं जिन्हें नुकसान सहना पड़ रहा है. मंडी के दूसरे किसान भी इस किस्म की भारी मांग के बावजूद कम रिटर्न से चिंतित हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह उन व्यापारियों पर नजर रखे जो किसानों से कम कीमत पर बासमती चावल खरीदते हैं और ग्राहकों को बहुत ज्यादा कीमत पर बेचते हैं.
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सिंह ने कहा, 'हमारे जैसे किसान व्यापारियों की दया पर निर्भर हैं.' एक और किसान परमिंदर सिंह जिन्होंने अपने पांच एकड़ के खेत से पूसा 1509 किस्म की फसल काटी है, वह भी काफी निराश हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्हें 3200 से 3700 रुपये प्रति क्विंटल का मुनाफा हुआ था. लेकिन इस सीजन में धान की खेती करने वाले किसान को 800 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि यह नुकसान उन्हें भारी बारिश के चलते फसल में बहुत ज्यादा नमी के की वजह से हुआ है.
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विशेषज्ञों के अनुसार, भगतांवाला अनाज मंडी में कुछ दिन पहले आनी शुरू हुई बासमती पूसा 1509 का शुरुआती भाव चार साल में सबसे कम है. इस मंडी में आमतौर पर करीब 35 किलोग्राम वजन वाले 1.25 बैग धान की आवक होती है, जिसमें 60 लाख बैग बासमती, मुख्य तौर पर पूसा 1509 शामिल हैं. मंगलवार को अमृतसर मंडी में बासमती की शुरुआती किस्म का उच्चतम भाव 2717 रुपये प्रति क्विंटल और न्यूनतम भाव 2200 रुपये रहा. जबकि पिछले साल इसी किस्म का शुरुआती भाव 3200 रुपये से 3823 रुपये प्रति क्विंटल के बीच था. साल 2022 में शुरुआती भाव 3400 रुपये से 3700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा. वहीं साल 2021 में यह 2350 रुपये से 2891 रुपये प्रति क्विंटल के बीच था.
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