Pumpkin Farming: फरवरी-मार्च में खेत में लगाएं कद्दू... सिर्फ 90 से 100 दिनों में होगी लाखों की कमाई... छत्तीसगढ़ के इस किसान ने अपनाया यह तरीका... हो रहा तगड़ा मुनाफा  

Pumpkin Farming: फरवरी-मार्च में खेत में लगाएं कद्दू... सिर्फ 90 से 100 दिनों में होगी लाखों की कमाई... छत्तीसगढ़ के इस किसान ने अपनाया यह तरीका... हो रहा तगड़ा मुनाफा  

Pumpkin Cultivation: उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में कद्दू की फसल साल में दो बार लगाई जाती है. ग्रीष्म कालीन फसल की बुआई फरवरी से लेकर मार्च तक की जाती है. अभी फरवरी का महीना चल रहा है. आप कद्दू की खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं.

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फरवरी-मार्च में खेत में लगाएं कद्दू, होगी बंपर कमाई, किसान भाई जानें तरीकाPumpkin Farming
Story highlights
  • सभी प्रकार की मृदा में की जा सकती है कद्दू की खेती 
  • बाजार में कद्दू की रहती है अच्छी डिमांड

Agriculture Tips: यदि आप खेती-किसानी से तगड़ा मुनाफा कमाना चाह रहे हैं तो हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में बता रहे हैं, जिसकी खेती कर आप सिर्फ 90 से 100 दिनों में लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं कद्दू (Pumpkin) की, जिसे कुम्हड़ा, काशीफल, सीताफल जैसे नामों से भी जाना जाता है. इसकी खेती कर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले स्थित गांव जंगलेशर के किसान देवराम पटेल लखपति बन गए हैं.  

एक एकड़ में इतने रुपए तक की इनकम 
देवराम पटेल बताते हैं कि वह एक एकड़ खेत में कद्दू की खेती करते हैं. इससे वह तीन महीने में 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की इनकम कर लेते हैं. देवराम के बेटे नविनेश पटेल भी खेती से जुड़े हैं. नविनेश ने बताया कि हम एक एकड़ में कम से कम चार हजार कद्दू के पौधे लगते हैं.

बाजार में 15 से 20 रुपए किलो के हिसाब से कद्दू बिक जाते हैं. नविनेश का कहना है कि वह कद्दू के बोने के लिए उसके उत्तम बीजों का उपयोग करते हैं. कद्दू को खेत में लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करते हैं. पहले मिट्टी पलटने वाले हल से फिर देसी हल या कल्टीवेटर से खेत को जोतते हैं. हर जुताई के बाद खेत में पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरी और समतल करते हैं. खेत में कद्दू लगाने के बाद इस बात का ध्यान रखते हैं कि कद्दू के पौधों के पास जलजमाव न हो. 

अभी लगा सकते हैं खेत में कद्दू 
उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में कद्दू की फसल साल में दो बार लगाई जाती है. ग्रीष्म कालीन फसल की बुआई फरवरी से लेकर मार्च तक की जाती है. अभी फरवरी का महीना चल रहा है. आप कद्दू की खेती कर सकते हैं. अभी आलू और गन्ने की फसल की कटाई के बाद जो खेत खाली हैं उनमें आप कद्दू की खेती कर सकते हैं. इससे आपको कम दिनों में अच्छा-खासा मुनाफा मिल जाएगा. 

कद्दू की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान 
किसान भाई यदि कद्दू की खेती करने के बारे में सोच रहे हैं तो सबसे पहले इसको बोने के लिए उन्नत किस्म का ही चुनाव करें. एक हेक्टेयर क्षेत्रफल कद्दू बोने के लिए 3-5 किलोग्राम तक बीज की जरूरत होती है. एक स्थान पर कद्दू के दो से तीन बीज बोएं. इस बात का ध्यान रखें कि खेत में जल भराव न हो. आपको मालूम हो कि कद्दू के खेत में जल निकासी अच्छी होनी चाहिए. कद्दू की खेती के लिए 

कैसी होनी चाहिए मृदा
वैसे तो कद्दू की खेती सभी प्रकार की मृदा में की जा सकती है लेकिन अच्छी पैदावार के लिए दोमट या बलुई दोमट भूमि बढ़िया मानी जाती है. कद्दू की खेती के लिए जमीन का PH 5 से 7 के बीच होना चाहिए. इसके पौधों के अच्छे तरह से विकास के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चाहिए होता है. 

गोबर की सड़ी हुई खाद का करें इस्तेमाल 
कद्दू को लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करने के बाद मिट्टी में गोबर की सड़ी हुई खाद को मिलाते हुए खेत को समतल कर दें. इसके बाद कद्दू के बीजों को लगाने के लिए क्यारियों को तैयार कर लें. कद्दू के बीजों की रोपाई ज्यादातर हाथ से ही करें. 

बाजार में रहती है मांग 
कद्दू के पौधे सिर्फ 90 से 100 दिनों में पैदावार देने लगते हैं. इसके हरे फलों को आप 70 से 80 दिनों में तोड़ना शुरू कर सकते हैं. कद्दू जब ऊपर से पीले रंग के दिखाई देने लगे तो इसकी खेत से तुड़ाई कर लेनी चाहिए. एक हेक्टेयर के खेत में कद्दू की 300 से 400 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है. चूंकि कद्दू की मांग बाजार में काफी रहती है.

इस तरह से किसान भाई एक बार की फसल से 4 से 6 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. कद्दू के कच्चे व पके हुए फलों से कई प्रकार की सब्जियां बनाई जाती हैं. कद्दू के पके फलों से पेठा बनाया जाता है. कई अन्य मिठाइयों मे भी कद्दू का इस्तेमाल किया जाता है. कद्दू में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है.


 

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