हरियाणा में बिजली कटौती से लोग परेशान, धान बुवाई भी प्रभावित, किसानों ने सरकार से लगाई ये गुहार

हरियाणा में बिजली कटौती से लोग परेशान, धान बुवाई भी प्रभावित, किसानों ने सरकार से लगाई ये गुहार

किसान संघ सरकार और यूएचबीवीएन से इस मुद्दे को तुरंत हल करने का आग्रह कर रहा है. उन्होंने यमुना के किनारे रहने वाले किसानों के लिए धान की रोपाई की तारीख में छूट की भी मांग की. बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने कहा कि किसानों को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है कि उन्हें महत्वपूर्ण धान के मौसम के दौरान बिजली की आपूर्ति मिले.

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हरियाणा में बिजली कटौती से लोग परेशान, धान बुवाई भी प्रभावित, किसानों ने सरकार से लगाई ये गुहारहरियाणा में बिजली कटौती से किसान परेशान. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के करनाल जिले में आधिकारिक रूप से 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही जिले में बिजली की कटौती भी ज्यादा होने लगी है. इससे किसानों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) द्वारा प्रतिदिन आठ घंटे बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिए जाने के बावजूद, किसानों का आरोप है कि उन्हें वादे के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है. ऐसे में बिजली कटौती ने धान रोपाई प्रक्रिया को बुरी तरह से बाधित कर दिया है. जो किसान ट्यूबवेल चलाने के लिए लगातार बिजली पर निर्भर हैं, वे धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण धान की रोपाई में देरी हो रही है. एक किसान हनी ने कहा कि हमें रोजाना आठ घंटे बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन वास्तव में, हमें यह तय समय के अनुसार नहीं मिल रही है. अनिर्धारित और लंबे समय तक कटौती के कारण हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे हम धान की रोपाई के लिए अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. एक अन्य किसान राम सिंह ने कहा कि उन्होंने तीन एकड़ में धान की रोपाई की है, लेकिन अब बढ़ते तापमान और लंबे समय तक बिजली कटौती के बीच फसल को बचाना एक बड़ी चुनौती है.

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सरकार समस्या का करे निदान

एक अन्य किसान अमन कुमार ने कहा कि लंबे समय तक और अनिर्धारित बिजली कटौती के कारण हमें ट्यूबवेल चलाने के लिए जनरेटर और इंजन पर निर्भर रहना पड़ता है. धान की रोपाई एक समय-संवेदनशील प्रक्रिया है, और इसमें कोई भी देरी पूरे सीजन की उत्पादकता को प्रभावित कर सकती है. किसान संघ सरकार और यूएचबीवीएन से इस मुद्दे को तुरंत हल करने का आग्रह कर रहा है. उन्होंने यमुना के किनारे रहने वाले किसानों के लिए धान की रोपाई की तारीख में छूट की भी मांग की. बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने कहा कि किसानों को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है कि उन्हें महत्वपूर्ण धान के मौसम के दौरान बिजली की आपूर्ति मिले.

रोज 154.95 लाख यूनिट बिजली की खपत

उन्होंने कहा कि सरकार को यमुना के किनारे रहने वाले किसानों के लिए धान की रोपाई की तारीख में छूट देनी चाहिए. उन्हें 15 जून के बजाय 5 जून या 10 जून से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए. इससे बिजली के बुनियादी ढांचे पर बोझ कम होगा. ट्रिब्यून द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि जिले में बिजली की मांग बढ़ गई है. वर्तमान में, जिले भर में प्रतिदिन 154.95 लाख यूनिट की मांग है, जिसमें कृषि का हिस्सा 66.31 लाख यूनिट है. पिछले साल इसी तारीख को बिजली की मांग 119.73 लाख यूनिट थी, जिसमें कृषि क्षेत्र ने 35.27 लाख यूनिट की मांग की थी. अधिकारियों का दावा है कि बिजली की मांग में प्रतिदिन 9 लाख यूनिट की बढ़ोतरी हो रही है.

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क्या कहते हैं अधिकारी

दूसरी ओर, अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए तीन शिफ्टों का नया शेड्यूल जारी किया है. एक शिफ्ट आधी रात से सुबह 8 बजे के बीच, दूसरी सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक और तीसरी शिफ्ट शाम 4 बजे से आधी रात के बीच है. यूएचबीवीएन, करनाल सर्कल के अधीक्षण अभियंता (एसई) कशिक मान ने कहा कि हमने रविवार से तीन शिफ्टों का शेड्यूल जारी किया है और इसे लागू कर दिया गया है. शेड्यूल के अनुसार बिजली दी जा रही है. अगर खेतों में कोई समस्या है तो मैं इसकी जांच करवाऊंगा. 

तीन शिफ्ट में बिजली की आपूर्ति

उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति को रोटेशन के आधार पर विभाजित किया गया है. अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए तीन शिफ्टों का नया शेड्यूल जारी किया है. एक शिफ्ट आधी रात से सुबह 8 बजे के बीच, दूसरी सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक और तीसरी शिफ्ट शाम 4 बजे से आधी रात के बीच है. यूएचबीवीएन (करनाल सर्कल) के एसई कशिक मान ने बताया कि उन्होंने रविवार से तीन शिफ्ट का शेड्यूल जारी किया था, जिसे लागू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति को रोटेशन के आधार पर बांटा गया है.

 

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