Maharashtra News : बारिश की कमी से सोयाबीन और कपास की खेती पर संकट, सूखे से किसानों का भारी नुकसान

Maharashtra News : बारिश की कमी से सोयाबीन और कपास की खेती पर संकट, सूखे से किसानों का भारी नुकसान

महाराष्ट्र में सूखे का सामना कर रहे हैं किसान. नमी की कमी की वजह से फसल की बढ़वार उस तरह से नहीं हुई, जैसी होनी चाहिए थी. बारिश के भाव में पत्तियां मुरझा गई हैं. राज्य के कई जिलों में एक महीने से बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है. ऐसे में किसानों की आंखें आसमान की ओर देख रही हैं. 

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Maharashtra News : बारिश की कमी से सोयाबीन और कपास की खेती पर संकट, सूखे से किसानों का भारी नुकसानबारिश नहीं होने के कारण फसल सूख रही हैं ( photos kisan tak )

महाराष्ट्र के किसान बारिश न होने की वजह से परेशान हैं. जालना के कई क्षेत्रों में बारिश न होने के कारण खरीफ फसलों की स्थिति गंभीर हो गई है. अकोला जिले के भी यही हालात हैं. ख़रीफ़ सीजन की फसलें पानी के अभाव में सूख रही हैं. जालना के किसान भावन शेलकर बताते हैं कि इस साल खरीफ सीजन में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. प्रकृति किसानों से रूठ गई है. शेलकर का कहना है कि जिले में पिछले एक महीने से बारिश नहीं होने की वजह से हालात बिगड़े हैं. खेती तबाह हो गई है. पूरे मराठवाड़ा में किसान सूखा का सामना कर रहे हैं. हालांकि, अभी तक सरकार ने उनके लिए किसी तरह के राहत राशि की घोषणा नहीं की है. 

शेलकर ने अपने खेत में सोयाबीन, कपास और मकई की खेती की थी, बारिश नहीं होने से कपास समेत अन्य दोनों फसलें भी सूख गई हैं. इससे बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है. मॉनसून की बारिश में देरी होने की वजह से उन्होंने जून के आखिरी सप्ताह में सोयाबीन की बुवाई की थी. लेकिन, बुवाई के बाद जिस तरह बारिश होनी चाहिए थी. वैसी बारिश नहीं हुई, जिसके चलते खेतों की नमी लगभग खत्म हो गई.  

नमी की कमी से दम तोड़ रही खेती

नमी की कमी की वजह से फसल की बढ़वार उस तरह से नहीं हुई, जैसी होनी चाहिए थी. बारिश के भाव में पत्तियां मुरझा गई हैं. राज्य के कई जिलों में एक महीने से बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है.ऐसे में किसानों की आंखें आसमान की ओर देख रही हैं. शेलकर ने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा किसान कपास और सोयाबीन खेती करते हैं. किसान मुख्य तौर पर इन्हीं दो फसलों पर निर्भर रहते हैं. अब फसल सूखने से उनकी चिंता बढ़ गई है. हालात ये हो गए हैं कि लागत भी निकलना मुश्किल लग रहा. 

कपास की फसल सूखने से किसान को हुआ भारी नुकसान
कपास की फसल सूखने से किसान को हुआ भारी नुकसान

सूखी फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं किसान

शेलकर ने 5 एकड़ में कपास, 5 एकड़ में सोयाबीन और 2 एकड़ में मकई की खेती की थी. लेकिन पानी के अभाव में धीरे- धीरे सारी फसलें खराब हो गईं. इसके चलते शेलकर को 2 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
किसान अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. जिले एक किसान गणपत बताते हैं कि अकेले इसी जिले में लगभग 70 फीसदी फसलें सूख गई हैं. काफी किसान अब अपने सुखी फसलों पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर रहे हैं.

उधर, अकोला में 52 मंडल हैं, जिनमें से 21 मंडल में सूखा है. यहां पानी के अभाव में फसलों की हालत खराब हो गई है. अकोला के जिला कृषि अधिकारी शंकर किरवे ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

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