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सूखे की वजह से खेती पर बढ़ा संकट, परेशान किसान ने नष्ट कर दिया मौसंबी का बगीचा

सूखे की वजह से खेती पर बढ़ा संकट, परेशान किसान ने नष्ट कर दिया मौसंबी का बगीचा

पिछले साल औसत से कम बारिश होने के कारण इस साल पूरे राज्य में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. इससे मार्च के मध्य में ही राज्य के कई हिस्सों में पानी की गंभीर कमी का संकट पैदा हो गया है. फसलों और बागों की सिंचाई नहीं हो पा रही है. राज्य के कई हिस्सों में चारे का संकट भी गहरा गया है. जिससे किसान और पशुपालक दोनों परेशान हैं.

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सूखे के कारण किसान हुए परेशान सूखे के कारण किसान हुए परेशान

महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जिसमें बारिश सामान्य से बहुत कम हो रही है. बारिश की इस बेरुखी से कई फसलों पर बुरा असर पड़ा है. अब फसलें और बगीचे सूख रहे हैं. इसके चलते किसान मुसीबत में हैं. रविवार (17 मार्च) को छत्रपति संभाजीनगर में एक किसान ने मौसंबी के बगीचे पर कुल्हाड़ी चला दी, क्योंकि यह बगीचा पानी के अभाव में सूख रहा है. किसान का नाम बप्पासाहेब भानुसे है, जिसने हताशा में 200 मौसंबी के पेड़ों को नष्ट कर दिया. प्रकृति की मार के कारण राज्य में किसान खेती का विकल्प तलाश रहे हैं. किसान पारंपरिक खेती की बजाय बागवानी फसलों को चुन रहे हैं जो आय की बेहतर गारंटी देती है. लेकिन जलवायु परिवर्तन का असर बगीचों पर भी पड़ रहा है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे किसान हताश व निराश हो रहे हैं.

पिछले साल औसत से कम बारिश होने के कारण इस साल पूरे राज्य में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है. इससे मार्च के मध्य में ही राज्य के कई हिस्सों में पानी की गंभीर कमी का संकट पैदा हो गया है. अब फलों के बागानों पर सीधा असर पड़ रहा है और कचनेर क्षेत्र के किसानों को टैंकरों से पानी लाना पड़ रहा है. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ऐसा लगता है कि अब यह संभव नहीं है.।पानी की कमी के कारण बगीचे सूख रहे हैं.

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सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा पानी

किसान बप्पासाहेब भानुसे ने कड़ी मेहनत करके पांच साल में 200 पेड़ों का मौसंबी का बगीचा तैयार किया. इस बगीचे को उन्होंने और उनके परिवार ने बहुत मेहनत से तैयार किया. सूखे के कारण यह सूख रहा है जबकि आने वाले समय में इसमें फल लगने की संभावना थी. इससे नाराज होकर भानुसे ने रविवार को अपने 200 पेड़ों वाले मौसंबी के बगीचे पर कुल्हाड़ी चला दी. क्योंकि उन्हें इसकी सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. इससे उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है.

पानी के संकट से परेशान रहे हैं किसान

वर्ष 2023 के मॉनसून के दौरान महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश नहीं हुई. इससे न सिर्फ खरीफ फसलों पर बुरा असर पड़ा बल्कि रबी सीजन में बुवाई भी बुरी तरह से प्रभावित हुई. क्योंकि सूखे की वजह से मिट्टी में नमी बहुत कम थी, जिसमें बुवाई करने पर बीजों का जर्मीनेशन बहुत कम होता. सूखे की वजह से राज्य के कई हिस्सों में पशुओं के पीने के लिए पानी का संकट भी बढ़ गया. साथ ही चारे का भी संकट गहरा गया है.

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