किसानों की कमाई बढ़ाएगा पुसा चना 4037, कम खर्च में मिलेगा अधिक पैदावार

किसानों की कमाई बढ़ाएगा पुसा चना 4037, कम खर्च में मिलेगा अधिक पैदावार

पूसा चना 4037 (अश्विनी) एक नई ज़्यादा पैदावार वाली, ज़्यादा प्रोटीन वाली और मशीन से काटी जा सकने वाली चने की किस्म है. यह फ्यूजेरियम विल्ट समेत कई बीमारियों के लिए रेसिस्टेंट है और उत्तर-पश्चिमी भारत के लिए सही है. डॉ. अश्विनी की याद में IARI ने इसे डेवलप किया है.

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किसानों की कमाई बढ़ाएगा पुसा चना 4037, कम खर्च में मिलेगा अधिक पैदावारआईएआरआई ने लॉन्च की चना किस्म अश्विनी

भारत में चना उगाने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) ने चने की एक नई, ज़्यादा पैदावार वाली, ज़्यादा प्रोटीन वाली किस्म-पूसा चिकपी 4037 (अश्विनी) बनाई है. चने की यह किस्म न सिर्फ़ पैदावार बढ़ाएगी बल्कि किसानों का खर्च भी कम करेगी और फसल को बीमारियों से भी बचाएगी. खास बात यह है कि इस किस्म का नाम एक जानें-माने साइंटिस्ट, डॉ. नुनावुत अश्विनी की याद में रखा गया है.

उच्च पैदावार वाली चना किस्म

पुसा चना 4037 (अश्विनी) किसानों के लिए कई फायदे लेकर आती है.

  • औसत पैदावार: 2673 किग्रा/हेक्टेयर
  • अधिकतम पैदावार: 3646 किग्रा/हेक्टेयर (36.4 क्विंटल/हेक्टेयर)

यह उत्पादन पारंपरिक किस्मों की तुलना में काफी अधिक है. उच्च पैदावार का मतलब है किसानों की आमदनी में सीधा बढ़ोतरी.

उच्च प्रोटीन और पोषण से भरपूर

इस चना किस्म में 24.8 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है, जो इसे पोषण की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाता है. चना भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है, इसलिए ऐसी किस्में देश की पोषण सुरक्षा को मजबूत करती हैं.

मशीन से कटाई के लिए उपयुक्त

आज के समय में मशीनों से कटाई (मशीन हार्वेस्टिंग) की जरूरत बढ़ गई है. पुसा चना 4037 (अश्विनी) को मशीन हार्वेस्टिंग के लिए खास तौर पर विकसित किया गया है, जिससे

  • मजदूरी लागत कम होती है
  • फसल तेजी से कट जाती है
  • नुकसान कम होता है. यह आधुनिक खेती की जरूरतों को पूरा करने वाली किस्म है.

इन रोगों से बचाता है ये किस्म

यह किस्म कई प्रमुख बीमारियों के प्रति मजबूत प्रतिरोध रखती है-

  • फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium Wilt) के प्रति उच्च प्रतिरोध
  • ड्राई रूट रॉट, कॉलर रॉट और स्टंट के प्रति मध्यम प्रतिरोध. इससे फसल का नुकसान कम होता है और उत्पादन स्थिर रहता है.

कहां-कहां उगाई जा सकती है?

पुसा चना 4037 (अश्विनी) को उत्तर-पश्चिमी मैदान क्षेत्र के लिए विकसित किया गया है. यह किस्म इन राज्यों के लिए उपयुक्त है-

  • पंजाब
  • हरियाणा
  • दिल्ली
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र
  • राजस्थान
  • जम्मू-कश्मीर
  • हिमाचल प्रदेश

यह किस्म ठंडे से मध्यम मौसम में शानदार प्रदर्शन करती है.

मिट्टी और जड़ रोगों से सुरक्षा

यह किस्म मिट्टी और जड़ों से होने वाले बड़े रोगों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे दवाइयों पर खर्च बचता है और किसानों को बेहतर लाभ मिलता है.

किसानों के लिए फायदेमंद और भरोसेमंद किस्म

पुसा चना 4037 (अश्विनी) सिर्फ एक नई किस्म नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. बेहतर उत्पादन, उच्च पोषण, रोग प्रतिरोध और मशीन से कटाई जैसी खूबियों के साथ यह किस्म आने वाले समय में चना उत्पादन में क्रांति ला सकती है.

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