Cotton Mission: कपड़ा मंत्रालय को मिल सकते हैं 1100 करोड़ रुपये, ICAR ने क्यों उठाए सवाल?

Cotton Mission: कपड़ा मंत्रालय को मिल सकते हैं 1100 करोड़ रुपये, ICAR ने क्यों उठाए सवाल?

कपास उत्पादकता मिशन को लेकर फंड के प्रस्तावित बंटवारे के अनुसार, कृषि और किसान कल्याण विभाग मिशन का सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है. जो 4,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा. कपड़ा मंत्रालय को लगभग 1,100 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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Cotton Mission: कपड़ा मंत्रालय को मिल सकते हैं 1100 करोड़ रुपये, ICAR ने क्यों उठाए सवाल?कपास उत्पादकता मिशन

कपास उत्पादकता मिशन को घोषित हुए करीब 11 महीने बीत चुके हैं, लेकिन इसे अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिली है. इस देरी के बीच फंड के बंटवारे को लेकर एक अहम खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, कपड़ा मंत्रालय ने इस मिशन के लिए प्रस्तावित लगभग 6,000 करोड़ रुपये के कुल बजट में से एक बड़ा हिस्सा अपने नाम सुरक्षित कर लिया है, जो कुल राशि का पांचवें हिस्से से भी अधिक है.

कपड़ा मंत्रालय को मिलेगा ज्यादा फंड

फंड के प्रस्तावित बंटवारे के अनुसार, कृषि और किसान कल्याण विभाग मिशन का सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है, जो 4,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा. कपड़ा मंत्रालय को लगभग 1,100 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं, ICAR को 600 करोड़ रुपये से भी कम राशि मिलने के आसार हैं. बताया जा रहा है कि व्यय वित्त आयोग ने कपड़ा मंत्रालय को मिशन के तहत 1,100 करोड़ रुपये तक खर्च करने की अनुमति दे दी है. लेकिन, इससे पहले व्यय विभाग और नीति आयोग ने कपड़ा मंत्रालय द्वारा फैक्ट्रियों के आधुनिकीकरण पर मिशन का फंड खर्च करने के सुझाव का विरोध किया था.

ICAR ने कम फंड मिलने पर उठाया सवाल

नागपुर स्थित ICAR के कपास अनुसंधान केंद्र के एक पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक ने हिस्से पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भले ही इसका नाम उत्पादकता मिशन है, लेकिन ICAR को कुल फंडिंग का 10 फीसदी भी नहीं मिलेगा, जबकि कैबिनेट नोट तैयार करने से लेकर लक्ष्य हासिल करने तक की सारी जिम्मेदारी उसी की होगी.

वैज्ञानिक ने सुझाव दिया कि कपड़ा मंत्रालय को फंड मांगने के बजाय बासमती चावल जैसा मॉडल अपनाना चाहिए और ICAR-उद्योगों के बीच एक पुल की तरह काम करना चाहिए.  5 साल चलने वाले इस मिशन का उद्देश्य कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता में सुधार करना, लंबे रेशे वाले कपास की किस्मों को बढ़ावा देना और किसानों को विज्ञान और तकनीक का सहयोग देना है.

सरकार का किसानों के लिए 5F विजन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2025-26 के बजट भाषण में "लाखों कपास उत्पादक किसानों के लाभ के लिए" एक मिशन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य उत्पादकता और स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार लाना और अतिरिक्त लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि यह पहल, सरकार के 5F विजन (कृषि, फाइबर, कारखाना, फैशन और विदेशी) के अनुरूप है, जिससे किसानों की आय बढ़ाने और वस्त्र क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए क्वालिटी वाले कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

कपास उत्पादन और रकबा लुढ़का

भारत में कपास का उत्पादन लगातार तीसरे साल गिरा है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2025-26 में कपास उत्पादन गिरकर 29.22 मिलियन गांठ रह गया है, जो 2024-25 में 29.72 मिलियन गांठ था. बीते चार सालों में कपास की बुवाई का क्षेत्र भी 20 लाख हेक्टेयर कम हुआ है. भारत की औसत उपज अभी भी 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से कम है. इसकी तुलना में विश्व का औसत 9 क्विंटल और अमेरिका का 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

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