Cotton Export: कपास के निर्यात में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट! ये दो देश हैं 'जिम्मेदार'

Cotton Export: कपास के निर्यात में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट! ये दो देश हैं 'जिम्मेदार'

निर्यात में इस गिरावट का बुरा असर देश के किसानों पर भी देखा जा रहा है. महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों के किसान अपनी उपज का अच्छा रेट नहीं ले पा रहे हैं. हालत ये है कि किसान अच्छी कीमत की उम्मीद में अपने कपास को रोक कर बैठे हैं. खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि किसानों ने खेत और घरों की छतों पर कपास को स्टोर किया हुआ है.

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Cotton Export: कपास के निर्यात में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट! ये दो देश हैं 'जिम्मेदार'इस साल भारत से कपास निर्यात में आई भारी गिरावट

इस साल कपास का निर्यात गिर सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कपास का निर्यात 19 साल के निचले स्तर पर जा सकता है. यह आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि कई देश भारत से कपास आयात नहीं कर रहे हैं. विदेशों में भारत के कपास की मांग पहले से घट गई है. ऐसे में निर्यात में गिरावट की संभावना प्रबल हो गई है. विदेशों में भारतीय कपास के आयात में बड़ी गिरावट की खास वजह अमेरिका और यूरोप में चल रही आर्थिक मंदी को बताया जा रहा है. इन दोनों देशों की आर्थिक स्थिति पहले से नरम पड़ गई है जिससे भारत से मंगाए जाने वाले कपास की मात्रा बड़े पैमाने पर गिरी है.

निर्यात में इस गिरावट का बुरा असर देश के किसानों पर भी देखा जा रहा है. महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों के किसान अपनी उपज का अच्छा रेट नहीं ले पा रहे हैं. हालत ये है कि किसान अच्छी कीमत की उम्मीद में अपने कपास को रोक कर बैठे हैं. खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि किसानों ने खेत और घरों की छतों पर कपास को स्टोर किया हुआ है. किसानों को उम्मीद है कि आने वाले समय में कपास के दाम बढ़ेंगे और उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे. लेकिन जिस तरह से निर्यात में गिरावट देखी जा रही है, उससे किसानों को मायूसी मिलती दिख रही है.

निर्यात में कितनी गिरावट

अमेरिका के कृषि विभाग ने भारत से कपास निर्यात पर एक रिपोर्ट छापी है जिसके हवाले से 'बिजनेसलाइन' ने जानकारी दी है. रिपोर्ट कहती है कि इस महीने भारत से होने वाले कपास के निर्यात में 500,000 गांठों की कमी हो सकती है और यह 18 लाख बेल्स पर जा सकती है. 

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इसके बारे में राजकोट के एक व्यापारी का कहना है कि अक्टूबर में कपास निर्यात का दौर शुरू हुआ है. तब से लेकर अब तक केवल 9.5 लाख बेल्स का निर्यात हुआ है. आनंद पोपट नाम के इस व्यापारी ने संभावना जताई है कि 20 लाख बेल्स से अधिक कपास का निर्यात नहीं होने जा रहा है. अगर पोपट की भविष्यवाणी सच साबित होती है तो कपास निर्यात उस दौर में पहुंच जाएगा जब देश में जीएम कपास की खेती शुरू हुई थी.

पहले कैसा रहा आंकड़ा

आंकड़े बताते हैं कि 2004-05 में देश से 10 लाख बेल्स कपास का निर्यात हुआ था. उसके बाद निर्यात का दौर तेजी से शुरू हुआ और 2010 आते-आते यह रिकॉर्ड 100 लाख बेल्स पर पहुंच गया. पिछले सीजन की बात करें तो भारत से 30 लाख बेल्स कपास के निर्यात का अनुमान जताया गया. अभी इसका सही-सही आंकड़ा सामने नहीं आया है. 

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ये देश नहीं खरीद रहे कपास

इस साल कपास के निर्यात में सबसे बड़ी गिरावट है क्योंकि अकेला बांग्लादेश ही ऐसा देश है जो भारत से आयात कर रहा है. बाकी के देश भारत से आयात में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इस साल निर्यात में सबसे बड़ी गिरावट की वजह चीन को भी बताया जा रहा है. चीन भारत से बिल्कुल भी कपास नहीं मंगा रहा है. चीन आजकल स्थानीय स्तर पर ही अपनी कपास की जरूरतों को पूरा कर रहा है. बांग्लादेश कपास आयात कर रहा है, लेकिन बहुत कम. यही वजह है कि इस बार भारत से 19 साल में सबसे कम कपास निर्यात की बात कही जा रही है.

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