गर्मी बढ़ने के साथ ही सब्जियों का पारा भी हाई होने लगा है. सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं. चाहे प्याज और टमाटर जैसी सब्जियां हों या फिर हरी. सबके दाम आम उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं. जानकारों का कहना कि मॉनसून में देरी होने की वजह से भाव में काफी उठाल आ गया है. गर्मी बढ़ने के कारण कोल्ड स्टोरेज का खर्च बढ़ गया है. इसलिए उन सब्जियों के दाम में ज्यादा बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिसे कोल्ड स्टोर में रखा जाता है. बीते एक सप्ताह में ही आलू, टमाटर, प्याज और हरी सब्जियों के भावों में उछाल आया है. किसानों का कहना है कि प्रचंड गर्मी होने की वजह से सब्जियों की खेती पर असर पड़ा है. यही नहीं इससे सिंचाई का भी खर्च बढ़ गया है.
सब्जी विक्रेताओं के अनुसार आलू के थोक भाव में बीते 72 घंटों में ही 2 रुपये प्रति किलो की तेजी आ गई है. हरी सब्जियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं तो आलू की खपत भी बढ़ने लगी है. आलू को गर्मी से बचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज पर होने वाला बिजली खर्च बढ़ा है. टमाटर का दाम 50 रुपये किलो पहुंच गया है. पिछले सप्ताह भिंडी 20 रुपये किलो के भाव पर मिल रही थी जो कि अब डबल होकर 40 रुपये तक हो गई है. टमाटर भी देखते ही देखते 20 रुपये से 50 रुपये हुआ है. इसके भाव में डबल से ज्यादा की वृद्धि हुई है.
फल-सब्जी व्यापारियों माजिद मंसूरी बताते हैं कि एक बार अच्छी बारिश हो जाएगी जिसके बाद 10 दिन बाद सब्जियों के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है इस समय देश में अच्छी बारिश नहीं हुई है ऐसे में जुलाई के मध्य से पहले भाव उतरते दिखाई नहीं देने वाले हैं. आगार जल्दी बारिश नहीं हुआ तो अभी मुकाबले सब्जियों के भाव 40 प्रतिशत तक और भी बढ़ सकते हैं.
इस समय बाज़ार में लहसुन का भाव 160 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम है.अदरक के भाव करीब 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया हैं. नीबू और धनिया 100 से 120 रुपए प्रतिकिलो का भाव चल रहा है. हरी मिर्च का भाव बीते एक माह से 100 रुपए प्रति किलोग्राम के पार चल रहा है.सब्जी विक्रेताओं का कहना हैं कि बाहर से आपूर्ति नहीं हो रही है इसके चलते भी दाम बढ़ रहे हैं. इसके अलावा इस साल आम की पैदावार में इस वर्ष भले ही 70 प्रतिशत की गिरावट आई हो, पर अभी बाजार में देशी आम की बहार आ चुकी है. 40 से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं देशी आम टोपले लगाकर आम बेच रही हैं. देशी आम का भाव 40 से 100 रुपए प्रति किलाग्राम तक है.
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