चिरौंजी का वैज्ञानिक नाम बुकाननिया लानजान है.पियार, चार, अचार, तथा चरौली इसके अन्य स्थानीय नाम हैं.चिरौंजी एक सदाबहार पेड़ है, जो कि उत्तर, पश्चिम एवं मध्य भारत के उष्णकटिबंधीय वनों में पाया जाता है. चिरौंजी का पेड़ व्यावसायिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. इसके फल पकने पर मीठे, पौष्टिक एवं बुखार व प्यास शांत करने वाले होते हैं.वस्तुतः चिरौंजी के फल में पाए जाने वाले बीज का ऊपरी आवरण हटाने के बाद प्राप्त होने वाली गिरी का व्यावसायिक नाम ही चिरौंजी है.इसकी गिरी दाल के आकार की, भूरी, थोड़ी चपटी तथा बादाम जैसा स्वाद लिए होती है.
इसे कच्चे या भुने, दोनों रूपों में खाया जाता है.चिरौंजी के बीजों से निकला हुआ तेल त्वचा संबंधी रोगों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है.बाजार में उपलब्ध चिरौंजी का एकमात्र स्रोत वन ही हैं.इसका संगठित कृषि के माध्यम से व्यावसायिक उत्पादन अभी तक सम्भव नहीं हो पाया है.चिरौंजी का फल 4-5 महीनों में परिपक्व होता है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
चिरौंजी पौष्टिक और स्वादिष्ट होने के कारण मिठाइयों और पकवानों में बादाम के विकल्प के रूप में उपयोग की जाती है.इसकी गिरी में 3 प्रतिशत जल, 51 प्रतिशत वसा, 19-21.66 प्रतिशत प्रोटीन, 12.1 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 3.8 प्रतिशत रेशा, विभिन्न खनिज तत्व जैसे कि कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह एवं विभिन्न विटामिन जैसे कि विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, नियासिन इत्यादि पाए जाते हैं.चिरौंजी की गिरी को मस्तिष्क टॉनिक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.
यह वसा, विटामिन एवं खनिजों से भरपूर होने के कारण त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है.चिरौंजी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं, जो वर्तमान में समय की मांग है.इसकी गिरी से निकलने वाले तेल को चार के नाम से भी जाना जाता है.इसका उपयोग त्वचा संबंधी रोगों के इलाज एवं चेहरे से दाग-धब्बे हटाने के लिए किया जाता है.चिरौंजी के तेल में पाए जाने वाले पल्मिटिक एवं ओलिक एसिड गले की ग्रंथि की सूजन को कम करने में उपयोगी पाए गए हैं.इसके फल एवं बीज-गिरी में मूल्य संवर्धन की अपार संभावनाएं हैं.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today