करनाल में पराली जलाने के मामले 60 प्रतिशत तक घटे, कृषि अधिकारी ने कही बड़ी बात

करनाल में पराली जलाने के मामले 60 प्रतिशत तक घटे, कृषि अधिकारी ने कही बड़ी बात

उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि जिले में अभी तक पराली जलाने के 124 केस सामने आए हैं. वहीं कृषि विभाग द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर 2 लाख 42 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जिले में 4 लाख 25 हजार एकड़ में बासमती और गैर बासमती धान की फसल लगाई गई थी, जिसकी कटाई का कार्य पूरा हो चुका है.

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हरियाणा के करनाल में किसानों ने कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर काम किया है, जिसकी बदौलत जिले में पराली जलाने के मामलों में 60 प्रतिशत कमी आई है. पूरे प्रदेश में भी पराली जलाने के मामलों में रिकार्ड तोड़ कमी दर्ज की गई है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने के मामले रोकने के लिए शुरू किए अभियान की सराहना की. जिससे कृषि विभाग के अधिकारी काफी गदगद नजर आ रहे हैं. वहीं किसान नेताओं ने माना कि किसानों को बिना बात ही टारगेट किया जाता है. आकड़ों में राजनीति की जाती है. 

उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि जिले में अभी तक पराली जलाने के 124 केस सामने आए हैं. वहीं कृषि विभाग द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर 2 लाख 42 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. किसान पराली न जलाएं, फसल प्रबंधन के तरीकों को अपनाएं. इसको लेकर माइक्रो प्लानिंग के तहत काम किया गया. जिला स्तर, खंड स्तर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के बीच में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. पराली जलाने के नुकसानों के बारे में बताया गया. 

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पहले से काफी कम हुए मामले

जिले में पराली जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत तक कमी आई है. इस काम में किसानों ने सरकार और विभाग का पूरा सहयोग किया है. जिसकी वजह से विभाग इतना बड़ा मुकाम हासिल कर पाया है. आकड़ों की बात करें तो जिले में इस वर्ष 124 मामले दर्ज किए गए हैं जो पहले से काफी कम हैं.

गेहूं की बिजाई का 90 फीसदी काम पूरा

डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जिले में 4 लाख 25 हजार एकड़ में बासमती और गैर बासमती धान की फसल लगाई गई थी, जिसकी कटाई का कार्य पूरा हो चुका है. यही नहीं 24 नवंबर तक जिले में 90 प्रतिशत से अधिक गेहूं की बिजाई का कार्य पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि इस धान सीजन में किसानों को 40 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय भी हुई, क्योंकि उन्होंने करीब 2 लाख मीट्रिक टन पराली की गांठे आईसीयूएल को बेची हैं. 
अगले साल भी किसानों के बीच जाकर लगातार जागरूकता अभियान चलाएं जाएगे. उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में हर समय अवगत कराया जाता रहेगा.

राकेश टिकैत ने क्या कहा?

किसान नेता राकेश टिकैत ने पराली कम जलाने के मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के कागजों में पंजाब, हरियाणा के किसानों का नाम दर्ज है कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए वही जिम्मेदार हैं. लेकिन अब देख लीजिए प्रदूषण कहां पर है. पंजाब को लेकर की गई टिप्पणी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां पर तो आरोप लगाए ही जाएंगे. यही नहीं आकड़ों में राजनीति की जाती है.

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