सर्दी का मौसम आते ही लगभग पूरे देश में मूली की खेती शुरू हो गई है. लेकिन बहुत से किसान अभी भी मूली की बेहतर किस्मों को लेकर असमंजस में हैं. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि मूली की किन उन्नत वैरायटी की खेती करें, ताकि उससे बंपर पैदावार मिल सके. लेकिन अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम मूली की एक ऐसी उन्नत किस्म के बारे में बातएंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को बंपर पैदावार मिलेगी. खास बात यह है कि इस किस्म की मूली लाल रंग की होती है, जिसे आप घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. यानी बीज खरीदने के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन मूली की उन्नत किस्म काशी लोहित का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. इसे खरीदने पर किसानों को किचन गार्डन कीट भी फ्री मिल रहा है. बता दें कि यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
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— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) December 4, 2024
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काशी लोहित की जड़ें आकर्षक लाल रंग की होती हैं. ये किस्म सलाद के लिए काफी अच्छी मानी जाती है. इस किस्म में सफेद मूली की तुलना में 80 से 100 फ़ीसदी ज़्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. इसकी बुवाई का सही समय मध्य सितंबर से दिसंबर मध्य के बीच रहता है. इसकी प्रति हेक्टेयर उपज क्षमता 40-45 टन है.
आप अपनी खेती में बेहतर उत्पादन के लिए काशी लोहित किस्म के मूली की खेती कर सकते हैं. इसके बीज को खरीदने पर किचन गार्डनिंग का किट फ्री में मिल रहा है. आपको बता दें कि ये ऑफर सिर्फ 9 दिसंबर तक ही उपलब्ध है. वहीं, ये सामान आपको बाजार की कीमतों से सस्ता मिलेगा. बात करें मूली के बीज की कीमत की तो इसका 3 पैकेट आपको फिलहाल 41 प्रतिशत छूट के साथ राष्ट्रीय बीज निगम के ऑनलाइन स्टोर पर मिल जाएगा.
मूली की खेती के लिए ठंड का मौसम बेहतर होता है. वीं, मूली की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए. इसमें खेत की पांच से छह बार जुताई करनी चाहिए. फिर मूली की फसल के लिए गहरी जुताई की आवश्यकता होती है क्योंकि इसकी जड़ें जमीन में गहरी जाती हैं. साथ ही गहरी जुताई के लिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई की जानी चाहिए. उसके बाद मूली के बीजों को तीन से चार सेंटीमीटर की गहराई पर बुवाई करनी चाहिए ताकि बीजों का जमाव ठीक से हो सके.
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