हल्‍दी पर 15 हजार रुपये MSP देने की उठी मांग, नेता बोले- केंद्र और राज्‍य सरकार दोनों ने कुछ नहीं किया

हल्‍दी पर 15 हजार रुपये MSP देने की उठी मांग, नेता बोले- केंद्र और राज्‍य सरकार दोनों ने कुछ नहीं किया

तेलंगाना में बड़ी संख्‍या में किसान हल्‍दी की खेती करते हैं. लेकिन अभी हल्‍दी के दामों को लेकर वे परेशान हैं. ऐसे में बीआरएस ने राज्‍य सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा खोलते हुए 15 हजार रुपये एमएसपी की मांग की है. वहीं, बीआरएस नेताओं ने केंद्र पर भी एमएसपी तय न करने को लेकर सवाल उठाए.

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हल्‍दी पर 15 हजार रुपये MSP देने की उठी मांग, नेता बोले- केंद्र और राज्‍य सरकार दोनों ने कुछ नहीं कियाहल्‍दी उत्‍पादन में अग्रणी है भारत (फाइल फोटो)

देशभर में हल्‍दी किसानों की उपज के भाव को लेकर समस्‍या सुनने में आती रहती हैं. किसानों का कहना है कि उन्‍हें मंडी तक उपज ले जाने के बाद भी यह संशय बना रहता है कि हल्‍दी की क्‍या कीमत मिलेगी. तेलंगाना में भी बड़ी संख्‍या में हल्‍दी उगाने वाले किसान हैं. इस बीच, राज्‍य में विपक्षी बीआरएस ने हल्‍दी किसानों के लिए एमएसपी का मुद्दा उठाते हुए राज्‍य की कांग्रेस और केंद्र की एनडीए सरकार के खि‍लाफ प्रदर्शन किया. बीआरएस एमएलसी ने तेलंगाना विधान परिषद के बाहर तख्तियां लेकर और मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व वरिष्ठ बीआरएस नेता के कविता ने किया. 

'कांग्रेस ने 12 हजार रुपये MSP का वादा किया था'

के कविता ने हल्दी किसानों के लिए 15000 रुपये के समर्थन मूल्य की मांग की. उन्‍होंने कहा कि राज्य में हल्दी किसान काफी समय से परेशान हैं. लेकिन केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने हल्दी के लिए एमएसपी तय नहीं किया है. उन्होंने आगे कहा कि पूरे तेलंगाना के किसान परेशान हैं. हम हल्दी किसानों को 15,000 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग कर रहे हैं और यह कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया चुनावी वादा भी था कि वे 12,000 रुपये एमएसपी के रूप में देने जा रहे हैं.

विधायक जगदीश रेड्डी के निलंबन  का विराेध

इससे पहले, बीआरएस ने अंबेडकर प्रतिमा के सामने विधायक जगदीश रेड्डी के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. रेड्डी को तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद कुमार ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया. बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने राहुल गांधी और कांग्रेस सरकार की आलोचना की और इसे 'लोकतंत्र पर धब्बा' बताया.

केटीआर ने गुरुवार को एएनआई से बात करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है और यह वास्तव में भारत में लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है. राहुल गांधी दिन-रात संविधान का उपदेश देते हैं. दुर्भाग्य से, आज वह अपनी कांग्रेस सरकार और मंत्रियों को उन्हीं मूल्यों को सिखाना भूल गए हैं. एकतरफा कदम उठाते हुए, भले ही वरिष्ठ नेता जगदीश रेड्डी ने एक भी अपमानजनक शब्द नहीं कहा है, उन्होंने उन्हें पूरे सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया है. हम वादों को पूरा न करने पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं. (एएनआई)

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