एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के एक बड़े किसान संगठन ने सीएम मनोहर लाल खट्टर की टेंशन बढ़ा दी है. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सूबे में 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने के दावे को झूठा करार दिया है. संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि खट्टर के इस बयान से प्रदेश के सभी किसान संगठन और किसान बड़े हैरान हैं. उन्होंने कहा कि 14 फसलों की खरीद वाला बयान देश व प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला और तथ्यहीन है.
कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चढूनी ने कहा कि प्रदेश में केवल दो फसले गेंहू और धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जा रही हैं. तीसरी फसल गन्ना एसएपी यानी स्टेट एडवाइजरी प्राइस पर खरीदी जा रही है. बाकी बाजरा, सरसों और सूरजमुखी की फसल भावांतर भरपाई योजना के तहत ली जा रही है. भावांतर भरपाई योजना में भी प्रदेश के कुल उत्पादन का कुछ भाग ही खरीदा जा रहा है. इस योजना में फसल का भाव एमएसपी से कम दिया जाता है. आज सरसों 4000 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रही है. जो फसलें सरकार खरीद रही है उसमें भी कई शर्तें हैं.
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पिछले वर्ष किसानों के आंदोलन में वादे के बावजूद सूरजमुखी की फसल एमएसपी से 500-700 रुपये प्रति क्विंटल कम पर खरीदी गई है. इसी प्रकार प्रदेश में दाल की कोई भी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं गई है. चढूनी ने इस मामले को लेकर सीएम खट्टर से दो सवाल किए हैं.
1. केंद्र सरकार द्वारा जिन 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है उनमें से कौन-कौन सी 14 फसलें हरियाणा सरकार द्वारा खरीदी जा रही हैं. सरकार इसके आंकड़े दे.
2. हरियाणा में इन 14 फसलों का कुल उत्पादन कितना हुआ. प्रदेश सरकार द्वारा कितने क्विंटल फसल की खरीद कारवाई गई है.
गुरनाम सिंह चढूनी ने जून 2023 में सूरजमुखी को भावांतर स्कीम से बाहर निकालकर उसकी एमएसपी पर खरीद करने के लिए आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन में उनके संगठन से जुड़े किसानों ने कुरुक्षेत्र और अंबाला के बीच दो बार जीटी रोड को जाम किया था. इस आंदोलन में चढूनी और उनके कुछ साथियों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
चढूनी ने कहा कि प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा बनाया गया वह नया नियम तुरंत वापास लिया जाए, जिसमें खराब हुए बिजली ट्रांसफॉर्मर की कुल कीमत का 10 से 20 फीसदी वसूलने का नियम बनाया गया है.
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