महाराष्ट्र देश का एक प्रमुख कॉटन उत्पादक राज्य है. यहां के किसान पिछले एक साल से अच्छे भाव का इंतजार कर रहे हैं. इस साल दाम अच्छा मिलेगा या खराब इसे लेकर असमंजस का माहौल बना हुआ है. क्योंकि पिछले काफी समय से दाम स्थिर है. यहां की मानवत मंडी में कॉटन का न्यूनतम दाम 7100 और अधिकतम 7470 रुपये चल रहा है, लेकिन वरोरा में न्यूनतम दाम 7000 और अधिकतम 7350 रुपये क्विंटल है, जो एमएसपी से अधिक है. यानी मानवत मंडी में कॉटन का सबसे ज्यादा भाव मिल रहा है. राज्य के अधिकांश मंडियों में एमएसपी के स्तर तक ही दाम बना हुआ है.
कॉटन की खेती करने वाले किसान इसलिए इस साल असमंजस में पड़े हुए हैं कि दाम का उतार चढ़ाव समझ नहीं आ रहा है. पिछले सीजन में राज्य के किसानों ने अच्छे दाम की उम्मीद में काफी कॉटन अपने पास स्टॉक कर लिया था, लेकिन बाद में उन्हें पहले से भी कम दाम पर बेचना पड़ा. इसलिए इस बार वह समझ नहीं पा रहे हैं कि कॉटन स्टॉक करें या मार्केट में बेच दें.
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महाराष्ट्र में पिछले साल किसानों को कपास का बेहद कम भाव मिला था, जिसके चलते उन्होंने कपास को अपने घर के अंदर कई महीनों तक स्टॉक करके रखा था. जिसका उन्हें नुकसान हुआ. इस साल किसानों को शुरुआत में कपास का 7000 रूपये प्रति क्विंटल भाव मिल रहा है. कॉटन की खेती करने वाले किसान गणपत ने बताया कि पिछले साल शुरुआत में ही कपास का भाव 9 हज़ार तक मिल था. लोग सोच रहे थे कि 10000 का भाव मिलेगा, लेकिन लास्ट में उन्हें पहले वाले दाम से भी 3000 के नुकसान पर बेचना पड़ा. बाद में 6000 रूपये क्विंटल दाम रह गया था. इस साल राज्य में बारिश के कारण कपास की फसलों का अधिक नुकसान हुआ है, जिसे उत्पादन में भारी गिरावट आई है. ऐसे में उम्मीद कर सकते हैं कि आगे अच्छा दाम मिल सकता है.
केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए मध्यम रेशेवाली कपास की एमएसपी 6080 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6620 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है. जबकि लंबे रेशेवाली वैराइटी का एमएसपी 6380 रुपए से बढ़ाकर 7020 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल दाम 10000 रुपये से ऊपर जाएगा क्योंकि देश में उत्पादन कम है.
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