झारखंड में डैम का फाटक खोले जाने से पानी में डूबी हजारों एकड़ धान फसल, बंगाल के किसानों को नुकसान  

झारखंड में डैम का फाटक खोले जाने से पानी में डूबी हजारों एकड़ धान फसल, बंगाल के किसानों को नुकसान  

झारखंड में भारी बारिश के चलते डीवीसी डैम का फाटक खोला गया है, इसके चलते स्थानीय किसानों के साथ ही पश्चिम बंगाल के किसानों के धान के खेत पानी में डूब गए हैं. किसानों को डर सता रहा है कि पानी कम नहीं हुआ तो उनकी फसल फसल बर्बाद हो जाएगी.

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झारखंड में डैम का फाटक खोले जाने से पानी में डूबी हजारों एकड़ धान फसल, बंगाल के किसानों को नुकसान  झारखंड में बारिश के के चलते डीवीसी डैम का फाटक खोलने से धान के खेत पानी में डूब गए.

पश्चिम बंगाल के बालागढ़ और हरिपाल प्रखंड के किसानों की चिंता बढ़ गई है. क्योंकि, झारखंड में भारी बारिश के कारण डीवीसी डैम का फाटक खोला गया है, इससे पश्चिम बंगाल के दोनों प्रखंड के किसानों के धान के खेत पानी में डूब गए हैं. किसानों को अब ये डर सता रहा है कि पानी में डूब कर उनकी फसल खराब हो जाएगी. बता दें कि झारखंड के ऊपर बने लो प्रेशर एरिया के कारण राज्य के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई है. 

पश्चिम बंगाल में भी लगातार बारिश हुई है, जबकि झारखंड में हुई बारिश के चलते DVC डैम का पानी छोड़ा गया है.  लगातार बारिश और डीवीसी से पानी छोड़े जाने के कारण हरिपाल और बालागढ़ में किसानों की हजारों एकड़ कृषि भूमि पर लगी धान की फसल पानी में डूब गई है. फसल नुकसान को लेकर अपना दुख बताते हुए किसानों ने कहा की उनके धान के खेत पानी में डूब गए. इससे वो पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. एक किसान ने बताया की उन्होंने कर्ज लेकर धान की खेती की थी, अब पूरी धान की फसल पानी में डूब गई है, जो जल्द ही सड़ जाएगी. 

ओवरफ्लो हो गया नहर का पानी

द स्टेट्समैन की एक रिपोर्ट के अनुसार किसानों ने बताया की सिंचाई के लिए दकातिये सिंचाई नहर परियोजना अभी तक चालू नहीं की गई है. इसके कारण नहर की गहराई कम हो रही है और इसकी जल निर्धारण क्षमता भी कम हो रही है. किसानों ने बताया की इसी के चलते जैसे ही DVC से पानी गया नहर में ओवरफ्लो हो गया इससे हरिपाल प्रखंड के कालूबाटी, कनकपुर, पार्वतीपुर, कामराजराजपुर में हजारों एकड़ कृषि भूमि में धान की फसलें जलमग्न हो गईं है.

मुआवजे की मांग कर रहे किसान

खेत में हुए जलभराव के कारण हुए नुकसान का जिक्र करते हुए एक किसान ने कहा की ये खेत उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है, जो उन्होंने आज खो दिया. किसान ने कहा की वे पूरी तरह से बर्बाद हो चुके है और कर्ज के बोझ तले दबे हुए है. उन्हें जीवित रहने के लिए सरकार और कृषि विभाग से मुआवजे की सख्त जरुरत है. हरिपाल पंचायत समिति के उपाध्यक्ष बबलू गायेन ने डीवीसी पर बिना किसी पूर्व सूचना के बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने का आरोप लगाया. हालांकि उन्होंने कहा की डाकतिया सिंचाई नहर की जल धारण क्षमता बढ़ाने के लिए फिर से इसके पूर्ण पुनरुद्धार की आवश्यकता है.

सब्जी की खेती को भी हुआ नुकसान

उन्होंने कहा की जल्द की पीड़ित किसानों को राहत पहुचाने के लिए उपाय किये जायेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी और संकटग्रस्त किसानों की मदद के लिए उचित कदम उठाएंगे. टीएमसी जिला महासचिव श्यामा प्रसाद रॉय बनर्जी ने कहा कि लगातार बारिश ने हजारों एकड़ कृषि भूमि पर धान की फसल को जलमग्न कर दिया है. बालागढ़ के किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है. बारिश के कारन सब्जी की खेती को भी नुकसान हुआ है.

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