महाराष्ट्र का मशहूर आम हापुस यानी अल्फांसो मुंबई के वाशी, पुणे और अहमदाबाद के बाजारों में आ चुका है. लेकिन इस साल हापुस के सामने दूसरे राज्यों के आम की चुनौती खड़ी हो गई है. इसी सप्ताह सोमवार (19 फरवरी) को वाशी बाजार में आए कुल 9 हजार 121 बक्सों में से 4 हजार 20 बक्से में दूसरे राज्यों से आए आम थे. इसके बावजूद मौजूदा समय में हापुस के चार से आठ दर्जन के एक डिब्बे की कीमत 3,000 रुपये से 6,000 रुपये तक मिल रही है. बागवानों का मानना है कि यह रेट पिछले साल से कम है.दूसरी ओर, वाशी में बढ़ते दूसरे राज्यों के आम के कारोबार ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है.
पहले चरण में किए गए हापुस उत्पादन से किसानों को अच्छी कीमतें मिलने की उम्मीद है. इस सीजन में, जैसे ही अक्टूबर 2023 की शुरुआत में बारिश पर ब्रेक लगा, यह अनुमान लगाया गया कि कोंकण के किसानों के लिए हापुस सीज़न अच्छा होगा. लेकिन उसके बाद देर तक रही सर्दी, बेमौसम बारिश, बादल और चिलचिलाती धूप जैसे अजीब मौसम ने आम के मौसम को प्रभावित किया.
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वर्तमान में, थ्रिप्स के अटैक ने बागवानों को परेशान कर रखा है और इसे नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों पर भारी खर्च करना पड़ रहा है. हालांकि, जनवरी के आखिरी सप्ताह से रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग से हापुस आम की पेटियां वाशी सहित अन्य बाजारों में भेजी गई हैं. कोंकण में हापुस की मात्रा पिछले साल से ज्यादा है. शुरू में, पांच दर्जन के एक बॉक्स की कीमत 6,000 रुपये से अधिक थी. फरवरी के पहले पखवाड़े के बाद पेटियों की संख्या प्रतिदिन पांच हजार तक पहुंच गई है. सोमवार (19 तारीख) को 5 हजार 101 पेटियां बाजार में आई हैं. वाशी मंडी के पेशेवरों के अनुसार, रत्नागिरी जिले में यह आमतौर पर 30 से 40 प्रतिशत होता है. बाकी दूसरे क्षेत्रों का है.
इसके साथ ही दूसरे राज्यों यानी कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश से आए बक्सों की संख्या 4 हजार 20 है. इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले ज्यादा आवक दूसरे राज्यों से हो रही है. पिछले साल हापुस के एक डिब्बे की कीमत 7,000 रुपये से अधिक थी. वाशी बाजार समिति के निदेशक और व्यवसायी संजय पानसरे ने कहा कि कोंकण में हापुस आम के बक्से पिछले साल की तुलना में अधिक आए हैं. जैसे-जैसे आवक हो रही है, उसी हिसाब से दरें तय की जा रही हैं. प्रथम चरण में हापुस की आवक शुरू हो चुकी है. दूसरे में आवक 10 मार्च से शुरू होगी. इस साल पिछले साल से ज्यादा आम हुआ है.
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