वर्तमान समय में आयुर्वेदिक और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले प्रोडक्टस की बहुत ज्यादा मांग है. कोरोना काल के बाद लोग इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर कई प्रकार की चीजों का सेवन कर रहे हैं. इसमें एक नाम एलोवेरा का भी है. दरअसल एलोवेरा का इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट और आयुर्वेदिक दवा के तौर पर अधिक किया जा रहा है. यही वजह है कि बाजार में इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. एलोवेरा यह एक अंग्रेजी नाम है, हिंदी में इसे घृतकुमारी और ग्वारपाठा के नाम से जाना जाता है.
एलोवेरा की खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि आप सिर्फ एक बार पौधे लगाकर इससे कई साल तक उपज लेने के साथ ही मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं भारत लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती होती है. इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा भी साबित हो रही है.
अगर आप किसान हैं और किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो आप एलोवेरा की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में टाइगर एलो, एलो डेस्कइंगसी, रेड एलो, एलो ब्रेविफोलिया और एलो एरिस्टाटा किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
यह एलोवेरा की सबसे खूबसूरत प्रजातियों में से एक है, जिसे एक छोटे से गमले, कंटेनर में सजावट के तौर पर उगाया जा सकता है. इसके अलावा इसे बड़े पैमाने पर खेतों में भी उगाया जाता है. इसमें तलवार के आकार की पत्तियां होती हैं, जिस पर चितकबरे धब्बे होते हैं.
यह एलोवेरा की सबसे छोटी प्रजाति होती है. यह किस्म केवल 2-3 इंच तक बढ़ती है. इसकी गहरे हरे रंग की पत्तियों पर सफेद सफेद धब्बे होते हैं. वसंत से गर्मियों के दौरान इस पर पीले-नारंगी रंग के फूल खिलते हैं.
लाल एलोवेरा यानी रेड रेड एलो किस्म में एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं. यह गुण मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ये किस्म धीमी गति से बढ़ने और कम पानी की कम आवश्यकता के लिए जाना जाता है. सूरज की किरणें पड़ते ही यह खूबसूरत लाल तांबे के रंग सा दिखता है. यह एलोवेरा के सबसे आकर्षक किस्मों में से एक है.
ये एलोवेरा की सबसे छोटी पत्तियों वाली किस्म है. यह सुंदर भूरे रंग की पत्तियां कभी-कभी बाहर नारंगी रंग की झलक दिखाई देते हैं, जो पतझड़ और सर्दियों में नारंगी रंग के खिलने पर आश्चर्यजनक लगती है.
ये किस्म अन्य प्रकार के एलो से अलग होता है, क्योंकि यह अधिक ठंड सहन करता है और अन्य की तुलना में अधिक छाया की आवश्यकता होती है. ये एलोवेरा पौधे अपनी सफेद मूंछों और ऊबड़-खाबड़ पत्तियों के लिए जाना जाता है.
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