केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों और कृषि क्षेत्र का विकास करना है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की 100 दिन की उपलब्धियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 65 फसलों की 109 प्रजातियों के नए बीज पीएम मोदी ने किसानों को समर्पित किए थे. उन्होंने कहा कि रबी सीजन के लिए किसानों को समय पर उन्नत बीज उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी गई है. किसानों तक बीज पहुंचाने के लिए कृषि समेत शैक्षिक संस्थानों को भी लगाया गया है. किसानों की उपज खरीद के लिए एमएसपी दी जाएगी. किसानों की आय दोगुनी करने से जुड़े सवाल पर कहा कि इसके लिए कोशिश जारी है और सर्वे किए जा रहे हैं. शुरुआती आंकड़ों में कई किसानों की आय डबल से भी ज्यादा हो गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि आधुनिक कृषि चौपाल अक्टूबर से शुरू होगी और वह हर मंगलवार किसानों, किसान संगठनों से सीधा संवाद करेंगे. इसके अलावा किसानों की समस्याएं दूर करने के लिए कॉल सेंटर की स्थापना की जाएगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 दिन की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि क्लाइमेट चेंज की परिस्थितियों में तापमान बढ़े तो भी उत्पादन न घटे, कम पानी अच्छी फसलें करने, कीट-रोग की रोकथाम के लिए नए बीजों किसानों को सौंपी गई है. फसलों में रोग की पहचान के लिए नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम लॉन्च किया गया है. किसानों को बीज समय पर मिले उसके लिए रणनीति बनाई गई है. इसको लेकर राज्यों से रिपोर्ट मांग ली गई है कि गेहूं का उत्पादन उनके राज्य में कितना होगा. उस हिसाब से किसानों को उन्नत किस्म के बीज मिल सकें. कृषि और शिक्षा संस्थानों को भी बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि किसानों तक इनकी पहुंच आसान और तेज की जा सके.
यूरिया की एक बोरी 2366 रुपये की आती है, हम किसानों को 266 रुपये में दे रहे हैं. डीएपी 1350 रुपये में सरकार दे रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते उर्वरकों की देरी को पूरा करने के लिए सरकार ने 24475 हजार करोड़ रुपये रबी सीजन के लिए मंजूरी दी गई है. फसलों में केमिकल फर्टिलाइजर को रोकने के लिए प्राकृतिक खेती पर बढ़ रहे हैं. प्राकृतिक खेती का मिशन आएगा, वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि सखी योजना, ड्रोन दीदी योजना के जरिए महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो किसानों की मदद कर रही हैं. सरकार की कोशिश है कि आधुनिक तकनीक से उत्पादन बढ़ाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि आईसीएआर ने 100 दिनों में यह काम किया है.
कृषि मंत्री ने कहा कि उत्पादन की लागत घटाना हमारा उद्देश्य है. बीजों की ऐसी वैराइटी विकसित की गई है जिससे पानी की लागत घट जाएगी. धान की डायरेक्ट सीडेड, बाजरा समेत अन्य फसलों की ऐसी किस्में विकसित की गई हैं, जो किसानों की लागत घटाएंगी. किसानों की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए 7 करोड़ से ज्यादा किसान लाभ पा चुके हैं. 22 हजार 600 करोड़ रुपये का प्रावधान 100 दिनों के अंदर सरकार ने केसीसी के लिए किया है. हमारा लक्ष्य केवल परंपरागत फसलें करने का नहीं है, हम उन्नत फसलों और आधुनिक तकनीकी पर फोकस कर रहे हैं. बागवानी, हार्टीकल्चर फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. अलग-अलग फसलों के लिए देश में 9 सेंटर बनाए जा रहे हैं. कृषि विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है.
लैब टू लैंड - यानी वैज्ञानिक किसान तक जानकारी जल्दी से पहुंचाएं इसके लिए आधुनिक आधुनिक कृषि चौपाल अक्तूबर से शुरू होने जा रही है. इसमें हर महीने आधुनिक रिसर्च, तकनीक की जानकारी वैज्ञानिक किसान को देगें. इस प्रसारण दूरदर्शन और आकाशवाणी के जरिए किया जाएगा. आधुनिक कृषि चौपाल के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान कॉल सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जिसे वह खुद मॉनीटर करेंगे. इसमें किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचाने की जानकारी ली जाएगी. इसके लिए राज्यों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. किसान अपनी समस्याओं का हल जानेंगे और दिक्कतें बता सकेंगे.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा. इसके लिए हर मंगलवार को दोपहर के भोजन से पहले किसानों, किसान संगठनों से संवाद किया जाएगा. ताकि कोई समस्या हो तो उसका समाधान किया जा सके. अन्नदाता के जीवन को बेहतर की कोशिश है. खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए हम काम कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संवाद आने वाले मंगलवार से शुरू होगा. अगर मैं उस दिन उपलब्ध नहीं हुआ तो सोमवार या बुधवार को संवाद किया जाएगा.
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