इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने 300 इथेनॉल फ्यूल पम्प स्टेशन स्थापित करने का योजना बनाई है. इसे पेट्रोलियम मंत्री की मंजूरी मिल गई है. पुणे में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (वीएसआई) के तीसरे अंतर्राष्ट्रीय चीनी सम्मेलन में शुक्रवार को बोलते हुए नितिन गडकरी ने इस बात की जानकरी दी. उन्होंने चीनी मिल मालिकों को फैक्ट्री में इथेनॉल पंप शुरू करने और संबंधित लोगों को सभी मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार आदि को 100 प्रतिशत बायोइथेनॉल खपत करने और उसको आपूर्ति करने का सुझाव दिया. गडकरी ने सरकार की इथेनॉल योजना और लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि 2024-25 तक 20 फीसदी और 2029-30 तक 30 फीसदी इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल प्राप्त करने लक्ष्य रखा गया है. इससे देश में तेल आयात को कम करना, ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करना, कार्बन प्रदूषण को कम करना और वायु की गुणवत्ता में सुधार करना है.
नितिन गडकरी ने इस अभियान के महत्व को बताते हुए कहा कि सरकार ने 2025 तक इथेनॉल पंपों की संख्या को 9,300 से अधिक करने का निर्णय लिया है. गडकरी ने बताया कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को बचत हो रही है और किसानों को भी लाभ हो रहा है. उन्होंने कहा गन्ना मिल मालिकों को आश्वासन दिया कि इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग करने की सरकार की नीति से उत्पन्न होने वाली उनकी समस्याएं अप्रैल के बाद हल हो जाएंगी और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. गडकरी ने कहा कि भारत एक दिन ऊर्जा का निर्यातक बनेगा और ऐसा करने के लिए कृषि का विकास करना जरूरी है.
पिछले महीने केंद्र सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में गन्ने के रस और बी-हैवी गुड़ दोनों के उपयोग की अनुमति दे दी गई. गडकरी ने कहा कि चीनी उद्योग को इथेनॉल उत्पादन को अधिक महत्व देना चाहिए. उन्होंने कहा अधिकतम इथेनॉल, न्यूनतम चीनी और इथेनॉल के साथ, हमें फ्लेक्स इंजन वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है. चीनी से इथेनॉल उत्पादन बैन के सवाल है पर कहा कि सरकार उचित कदम उठाएगी. मुझे पता है कि आप किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं. मैंने पहले ही प्रधान मंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ इस पर चर्चा की है, इसलिए चिंता मत करो. गडकरी ने कहा चीनी उद्योग का भविष्य इसके सहयोगी उत्पादों के साथ बहुत उज्ज्वल है.
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